स्मारक घोटाले में विजिलेंस की जांच पूरी

- दोषी अधिकारियों के नाम वाली रिपोर्ट शासन को भेजी

LUCKNOW : नोएडा और लखनऊ में मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान स्मारकों व उद्यानों के निर्माण में इस्तेमाल सैंड स्टोन की आपूर्ति में भ्रष्टाचार व अनियमितता के संबंध में जारी जांच विजिलेंस ने पूरी कर ली है। जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों की सूची विजिलेंस ने आगे की कार्रवाई के लिये शासन को भेज दी है।

बिना रेट निर्धारित किये दिया ऑर्डर

विजिलेंस द्वारा शासन को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2007 से 2011 के बीच नोएडा व लखनऊ में बनाए गए स्मारकों व उद्यानों में इस्तेमाल सैंड स्टोन की आपूर्ति में जमकर धांधली बरती गई। जांच में पता चला कि राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन एमडी सीपी सिंह, डायरेक्टर भूतत्व व खनिकर्म रामबोध मौर्य, ज्वाइंट डायरेक्टर सुहेल अहमद फारुकी, क्रय समिति में शामिल निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक राकेश चंद्रा, यूनिट इंचार्ज केआर सिंह, असिस्टेंट इंजीनियर राजीव गर्ग, एडिशनल प्रोजेक्ट मैनेजर एके सक्सेना ने क्रय समिति की बैठक में स्टोन का बिना रेट निर्धारित किये मिर्जापुर पिंक वैरायटी सैंड स्टोन का ऑर्डर दे दिया। इसके अलावा जीएम टेक्निकल एसके त्यागी, जीए सोडिक कृष्ण कुमार, मैनेजर मध्यांचल एस कुमार, यूनिट इंचार्ज पीके शर्मा, एसएस तरकर, बीके सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर एके गौतम, बीडी त्रिपाठी, प्रोजेक्ट मैनेजर एसपी गुप्ता, एसके चौबे, हीरालाल, एसके शुक्ला, एसएस अहमद, राजीव शर्मा, एए रिजवी, पीके जैन, राजेश चौधरी, एसके अग्रवाल, आरके सिंह, केके कुंद्रा, यूनिट इंचार्ज कामेश्वर शर्मा, एसपी सिंह, मुरली मनोहर सक्सेना, एसके वर्मा, सहायक स्थानिक अभियंता राजीव गर्ग व मैनेजर मुकेश कुमार भी दोषी पाए गए।