जीएसटी के नए नियम व्यापारियों के नहीं पड़ रहे पल्ले

व्यापारियों को जीएसटी पोर्टल पर रिटर्न अपडेट करने की जानकारी नहीं

सरकार ने व्यापारियों की ट्रेनिंग का नहीं किया इंतजाम

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद नियम कायदों को इस कदर उलझा दिया गया है कि जीएसटी ज्यादातर व्यापारियों के पल्ले ही नहीं पड़ रहा है। ऐसे में व्यापारियों को सीए और अधिवक्ताओं का सहारा लेना पड़ रहा है।

उलझ कर रह जा रहे व्यापारी

व्यापारी अपनी फर्म का जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 भरने के लिए पूरी तरह से सीए और अधिवक्ता पर निर्भर हैं। क्योंकि वे एक नियम समझने की कोशिश करते हैं, तब तक दूसरा लागू हो जाता है। जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 भरने में इतने पेच हैं कि व्यापारी उलझ कर रह जा रहे हैं।

अधिवक्ता और सीए भी हैं परेशान

जीएसटी के नियम से व्यापारी ही नहीं सीए और अधिवक्ता भी परेशान हैं। उनके पास काम का इतना लोड आ गया है कि वे दिन रात मेहनत के बाद भी व्यापारियों की समस्याओं का निबटारा नहीं कर पा रहे हैं।

नहीं किया गया ट्रेंड

समस्या के लिए व्यापारी सिस्टम को दोषी मान रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने जीएसटी लागू कर दिया, लेकिन व्यापारियों को सिस्टम अपनाने के लिए ट्रेंड नहीं किया गया। स्थानीय स्तर पर ऐसी कोई व्यवस्था भी नहीं है, जहां व्यापारी अपनी समस्या का समाधान करा सकें।

गवर्नमेंट से लगातार यही मांग की जा रही है कि कुछ ऐसा सिस्टम बनाएं, जिससे व्यापारियों को जीएसटी के नियमों का पालन करने और खुद अपना रिटर्न भरने के लिए परेशान न होना पड़े। लेकिन सरकार अभी तक ऐसा कुछ नहीं कर पाई है। शहर के व्यापारी भी सिस्टम नहीं समझ पा रहे तो फिर गांव के व्यापारी कैसे समझेंगे।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश व्यापार प्रतिनिधिमंडल

ये सही है कि व्यापारी जीएसटी के चक्कर में पूरी तरह से घनचक्कर बन गया है। जीएसटी उसके पल्ले नहीं पड़ रहा है। मजबूरी में सीए और वकील का सहारा लेना पड़ रहा है।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष

कैट