दो से तीन प्रतिशत व्यापारी ही अपलोड कर सके हैं रिटर्न

कैट की मीटिंग में व्यापारी ने रखी समस्याएं

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद अब व्यापारियों पर रिटर्न का प्रेशर है। चाह कर भी व्यापारी रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं, क्योंकि गवर्नमेंट ने रूल ही कुछ इस तरह के बना दिए हैं। बुधवार को कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के लूकरगंज स्थित कार्यालय पर व्यापारियों की मीटिंग में जीएसटीआर-1 फाइल करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की गई।

अपलोड करने पर बता रहा एरर

कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि एक ही वस्तु के कई एचएसएन कोड पर सामान कंपनियों द्वारा बेचा जा रहा है। इसके कारण व्यापारियों को एचएसएन कोड के स्टॉक के हिसाब से बिल करना पड़ रहा है। एल्युमिनियम व्यापारी अनुपम अग्रवाल ने बताया कि उनको दो अलग-अलग कंपनियों के द्वारा अलग-अलग एचएसएन कोड से बिल किया जा रहा है। इस कारण माल बेचते समय उनको स्टॉक का ध्यान रखना होता है। नहीं तो स्टॉक माइनस में आ जाता है। किराना व्यापारी पियुष अग्रवाल ने कहा कि नारियल का बुरादा एक कंपनी द्वारा कर मुक्त, एक कंपनी के द्वारा पांच प्रतिशत कर से दिया जा रहा है। अब जब जीएसटीआर-1 अपलोड कर रहे हैं तो एरर बताने लगता है। खाद्य तेल व्यापारी अजय अग्रवाल, दवा व्यापारी रतन अग्रवाल ने भी समस्याएं बताई।

हेल्पलाइन पर जवाब नहीं

व्यापारियों ने कहा कि हेल्पलाइन, ट्वीट पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं सेलटैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं। महेंद्र गोयल ने कहा कि जीएसटीआर-1 कैसे अपलोड करना है। समस्याओं का समाधान कैसे होगा? इसे लेकर गवर्नमेंट की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अधिकारियों को भी प्रशिक्षित नहीं किया गया है। अभी तक केवल दो से तीन प्रतिशत व्यापारी ही अपना रिटर्न अपलोड कर सके हैं। मीटिंग में विभु अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, आशुतोष गोयल, मनीष शुक्ला, रतना अग्रवाल, रितेश शर्मा, अजय गुप्ता, राजेश अग्रवाल, संजय केसरवानी आदि मौजूद रहे।