- सिंचाई और लघु सिंचाई तथा कृषि व उद्यान का एकीकरण सबसे पहले

-दोनों विभागों की एकीकरण के ड्राफ्ट पर शुरू हुआ काम

trilochan@inext.co.in DEHRADUN : राज्य सरकार एक ही प्रवृत्ति के काम करने वाले विभागों का एकीकरण करने के मिशन पर तेजी से काम कर रही है। शासन स्तर पर पिछले कुछ दिनों से विभिन्न विभागों के एकीकरण को लेकर बैठकों और चर्चाओं का दौर चल रहा है। जिस तेजी के साथ इन दिनों विभिन्न विभागों के एकीकरण की फाइलें तेजी से चल रही हैं, यदि वैसी ही तेजी से काम जारी रहा तो आने वाले समय में कुछ विभागों की एकीकरण का काम पूरा होने की पूरी संभावना है। हालांकि अभी तक किसी भी विभाग के एकीकरण संबंधी ड्राफ्ट पर काम पूरा नहीं हो पाया है।

सिंचाई विभाग से शुरुआत संभव

विभागों के एकीकरण की शुरुआत सिंचाई विभाग से हो सकती है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज विभाग के अधिकारियों को पहले ही विभाग के एकीकरण का ड्राफ्ट तैयार करने का आदेश दे चुके हैं। अब तक सिंचाई और लघु सिंचाई दो अलग-अलग विभाग हैं, जो एक ही तरह का काम करते हैं। राज्य सरकार का इरादा इन दोनों विभागों के साथ ही जलागम विभाग को मिलाकर जलापूर्ति विभाग बनाने का है। सिंचाई विभाग और लघु सिंचाई विभाग के एकीकरण को लेकर अधिकारियों की कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं।

कृषि और उद्यान विभाग में भी बैठकें

कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण को लेकर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत बीते क्0 जुलाई को घोषणा कर चुके हैं। एक ही प्रवृत्ति का काम करने वाले इन दोनों विभागों के एकीकरण की जरूरत भी काफी समय से महसूस की जा रही है। विभागों के एकीकरण का ड्राफ्ट तैयार करने के आदेश भी हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार इन विभागों के एकीकरण को लेकर सीएम के आदेश के बाद कई दौर की बैठकें भी हुई हैं।

हेल्थ और हेल्थ एजुकेशन

राज्य में हेल्थ और हेल्थ एजुकेशन विभागों के एकीकरण की भी मांग की जा रही है। खास बात यह है कि सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग के कर्मचारी एक ओर जहां एकीकरण का विरोध कर रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी खुद इस तरह की मांग रख चुके हैं। राज्य में इन दोनों विभागों के अलग होने कारण राज्य के सबसे बड़े दून अस्पताल में पिछले कई महीने से अव्यवस्था का माहौल है। दून अस्पताल पहले जिला अस्पताल के रूप में स्वास्थ्य विभाग के पास था, लेकिन अब मेडिकल कॉलेज बन जाने से यह चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन है। फिलहाल दून अस्पताल में कुछ डॉक्टर और कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के हैं तो कुछ चिकित्सा शिक्षा विभाग के, जिससे यहां असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

पर्यटन निगम भी मर्ज होंगे

पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उत्तर प्रदेश के दौर में गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम का गठन किया गया था। ये दोनों निगम अब भी काम कर रहे हैं। राज्य सरकार का इरादा इन दोनों निगमों के साथ ही पर्यटन विकास परिषद को मिलाकर एक विभाग बनाने की योजना है। सूत्रों का कहना है कि पर्यटन निगमों के एकीकरण पर फिलहाल अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

आधे हो जाएंगे विभाग

यदि राज्य सरकार विभागों के एकीकरण की दिशा में काम कर पाई और एकीकरण का विरोध करने वाले कर्मचारियों को समझाने में सफल रही तो राज्य में सरकारी विभागों की संख्या आधी रह जाएगी। फिलहाल राज्य में करीब 70 विभाग हैं। राज्य सरकार का इरादा विभागों की संख्या फ्0 से कम करने का है।

विभागों के एकीकरण को लेकर काम चल रहा है। जिन विभागों के एकीकरण की बात चल रही है, उनमें सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग भी है। इस संबंध में अभी कई दौर की बैठकें होनी हैं। फिलहाल यह तय किया जा रहा है कि लघु सिंचाई विभाग को सिंचाई विभाग में मर्ज किया जाए या इस विभाग को कोई और काम दिया जाए। जल्दी ही इस संबंध में फैसला होने की संभावना है।

-आनन्द व‌र्द्धन, प्रमुख सचिव सिंचाई।