- मेरिट सिस्टम लागू होने के बाद सभी कॉलेजेज का वोटिंग ग्राफ गिरा

-इस बार इलेक्शन में वोटिंग परसेंट भी लास्ट ईयर के मुकाबले में काफी कम

DEHRADUN : पिछले कुछ सालों से लगातार यूनियन इलेक्शन का क्रेज खत्म होता जा रहा है। स्टूडेंट्स कॉलेज के इलेक्शन से दूरी बनाते जा रहे हैं। यह हम नहीं इस साल हुए कॉलेजेज के इलेक्शंस का डाटा बयां कर रहा है। डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर के बाद इस साल स्टूडेंट पॉलिटिक्स का हब कहे जाने वाले डीएवी पीजी कॉलेज का वोटिंग परसेंट भी लास्ट ईयर के मुकाबले काफी कम रहा। इसके पीछे का कारण जहां नेताओं के पास मुद्दों का न होना है वहीं मेरिटोरियस स्टूडेंट्स का नेतागिरी में कोई इंट्रस्ट नहीं होना है।

मेरिटोरियस स्टूडेंट्स नहीं लेते इंट्रस्ट

डीएवी कॉलेज में क्7,म्7म् स्टूडेंट्स को वोट करना था, लेकिन वोट केवल ब्0क्भ् ने वोट किया, जबकि क्फ्,म्म्क् स्टूडेंट्स ने इस बार चुनाव से दूरी बना ली। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण मेरिटोरियस स्टूडेंट्स का राजनीति में रूचि न लेना माना जा रहा है। इस साल मेरिट बेस पर एडमिशन हुए थे। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन भी मानता है कि स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स से गायब होते मुद्दे कम वोटिंग पर असर डाल रहा है। इसके अलावा मेरिट बेस पर एडमिशन होने से कॉलेज में जो स्टफ आ रहा है, वह पढ़ाई में ही इतना बिजी रहता है कि उसे स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स से कोई सरोकार ही नहीं रहता। ऐसे में कम वोटिंग होना लाजमी है।

लास्ट ईयर के मुताबिक वोटिंग परसेंटेज में कमी

कॉलेज साल ख्0क्फ् साल ख्0क्ब्

डीएवी ख्8.ब्भ् परसेंट ख्ख्.7क् परसेंट

एसजीआरआर ब्9.भ्भ् परसेंट ब्क्.भ्8 परसेंट

एमकेपी पीजी फ्0.00 परसेंट ख्ब्.फ्0 परसेंट

डीबीएस पीजी म्9.म्म् परसेंट म्फ्.0भ् परसेंट