-शहर में खतरनाक गैंग के आने का खूब दौड़ रहा message

-मैसेज को सच मानकर डर से कांप रहे शहरवासी

-शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है पुलिस, अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील की

VARANASI

'शहर में क्भ्-ख्0 लोगों की टोली आयी है। उनके साथ छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं। उनके पास हथियार हैं। आधी रात और किसी भी वक्त हैं। बच्चे के रोने की आवाज आती है। कृपया दरवाजा ना खोलें। आप गंभीर वारदात के शिकार हो सकते हैं.'

ये उस मैसेज का मजमून है जो इन दिनों हर वाट्सएप ग्रुप में दौड़ रहा है। इसे पढ़ने के बाद बनारस के लोग दहशत में हैं। हालत यह है कि दिन में भी घर का दरवाजा खोलने से डर रहे हैं। पड़ोसी का बच्चा भी रो रहा है तो डर से थर-थर कांप रहे हैं। कोई नहीं जानता कि वो कौन है जो डरा है।

ना जाने कहां से आया मैसेज

शहर के लोगों के मोबाइल फोन पर वायरल हुआ ये मैसेज कहां से आ रहा है? ये किसी को नहीं पता है। इसकी शुरुआत करने वाला कौन और उसका मकसद क्या है? मालूम नहीं। लेकिन पिछले एक पखवारे से शहर में दौड़ रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों ने इस पर खास ध्यान नहीं दिया लेकिन चुनाव और होली बीतने के बाद तेजी से वायरल हुआ है। हजारों लोगों तक पहुंच चुका है और हर रोज सैकड़ों लोगों के पास पहुंच जा रहा है। जो भी इसे पढ़ता है घबरा जाता है। मैसेज की सत्यता की जांच करने का कोई इंतजाम नहीं होने की वजह से उसे सच मान ले रहा है।

महज एक शरारत

दहशत फैलाने वाले इस तरह के मैसेज में बिल्कुल सत्यता है नहीं है। ये कहना है एसपी सिटी राजेश यादव का। उनका कहना है कि कुछ लोग दहशत फैलाने के लिए इस तरह के मैसेज वायरल कर रहे हैं। शहर में कोई अपराधी गैंग नहीं घूम रहा है। शहर के लोग बेखौफ रहें, उन्हें किसी तरह का खतरा नहीं है। पुलिस उन लोगों की तलाश कर रही है जो मैसेज को वायरल कर रहे हैं। इसके लिए पुलिस की सर्विलांस टीम को भी लगाया गया है। जो भी ऐसा करता पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। अपराध से वास्ता रखने वालों को किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

खूब फैलते हैं मैसेज

-शहर में पहले भी कई तरह के मैसेज वायरल हुए जिन्हें लोगों ने बिना सोचे-समझे सच मान लिया।

-नोटबंदी के दौरान नमक के शॉर्टेज का मैसेज वायरल करके मुनाफाखोरों ने जमकर कमाई की

-इलेक्शन के दौरान दो रुपये में वोट देने का फॉर्म का मैसेज भी खूब परेशान किया

-केन्द्र सरकार की ओर से फ्री स्कॉलरशिप का मैसेज दौड़ रहा है

-बच्चों के घर से गायब होने के मैसेज लगभग हर ग्रुप पर हर रोज आते हैं

-ट्रेन या वाहन का भीषण एक्सिडेंट और कई लोगों की मौत का मैसेज भी दौड़ता रहता है

-रात में चलने वाले कॉस्मिक रेज से बचने के लिए मोबाइल बंद करने का संदेश आता है

-कुछ दिनों दुनिया खत्म करने का मैसेज भी लोगों को डराता है

हर तरह के भाव इंसान में होते हैं। इनमें से एक डर भी है। अलग-अलग इंसान अलग-अलग वजह से डरता है। अपराध से तो सभी डरता है। इंसान के अंदर छुपे इसी डर का फायदा उठाने के लिए अपराधी सोच वाले कई तरह का हथकंडा अपनाते हैं। उन्हें पता है कि सोसायटी में जो बात ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा कही जाती है उसे आसानी से सच मान लिया जाता है। इसलिए वो डराने वाले मैसेज ज्यादा से ज्यादा फैलाते हैं।

डॉ। संजय गुप्ता, मनोवैज्ञानिक