-संस्कृत यूनिवर्सिटी को एनओसी के मिले आश्वासन के बाद बढ़ी सक्रियता

VARANASI:

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी को सीएम केंद्रीय दर्जा के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने का आश्वासन दे चुके हैं। वहीं अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी राष्ट्रीय महत्व का दर्जा पाने के लिए एक्टिव हो गया है। इस क्रम में दर्जा पाने के लिए विद्यापीठ ने मुहिम तेज कर दी है।

दरअसल सन् ख्00ब् में प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी व गांधीवादी निर्मला देशपांडेय की अध्यक्षता में गठित यूजीसी की एक समिति ने विद्यापीठ को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देने की सैद्धांतिक सहमति दी थी। समिति का सुझाव लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े थे। वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग ने इस दिशा में एक साल पहले ही पहल शुरू कर दी थी लेकिन संस्कृत यूनिवर्सिटी को एनओसी मिलने के आश्वासन के बाद विद्यापीठ ने मुहिम तेज कर दी है। वीसी डॉ। नाग ने बताया कि राष्ट्रीय महत्व कादर्जा की प्रभावी पैरवी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का डिसीजन लिया गया है। इसमें विद्यापीठ के पूर्व छात्र व केंद्रीय सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र को संयोजक बनाने पर विचार चल रहा है। इसके अलावा इस समिति में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य नागरिक, विभिन्न दलों के राजनेता को भी शामिल किया जाएगा।

बनाई क्क् सदस्यी समिति

दूसरी ओर पुरातन छात्र परिषद ने क्क् सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें डॉ। नंदू सिंह संयोजक व स्वतंत्र बहादुर सिंह सचिव बनाए गए हैं। इसके अलावा डॉ। प्रमथेष पांडेय, डॉ। आनंद सिंह 'अन्नू', डॉ। सूर्यनाथ सिंह, डॉ। श्रुतिप्रकाश द्विवेदी, अजय सिंह, राजेश कुमार दीक्षित, राजेश राय, नील मणि त्रिपाठी व विवेक कुमार मिश्र को मेंबर बनाया गया है। वहीं एनओसी के लिए सीएम का आश्वासन मिलने के बाद संस्कृत यूनिवर्सिटी में भी सक्रियता बढ़ गई है।