छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : एमजीएम हॉस्पिटल में मरीजों को अनहाइजेनिक भोजन परोसा जा रहा है। हॉस्पिटल में किचन तो है, लेकिन यहां गंदगी और कचरे के बीच खाना पकाया जाता है। भोजन को बिना ढंके खुले में रखा जाता है। जिस जगह भोजन तैयार होता है, वहीं बर्तन भी साफ होता है। यहीं से तैयार भोजन मरीजों के बीच बांटा जाता है। ऐसे में यहां मरीजों की सेहत को यह भोजन बिगाड़ रहा है। लेकिन, एमजीएम हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को भोजन की गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं है।

किचन के पास कचरे का ढेर

एमजीएम हॉस्पिटल के किचन शेड के पास कचरे का ढेर है। यहां बन रही नई बिल्डिंग का गंदा पानी भी बहता रहता है। बायो वेस्ट भी जहां-तहां बिखरे रहते हैं। किचन के कारीगर भी आलू-प्याज समेत अन्य सब्जियों के छिलके को भी जहां-तहां फेंक देते हैं। इसे रेगुलर साफ भी नहीं किया जाता है। ऐसे में इन कचरे से बदबू आती रहती है और इसी के बीच भोजन तैयार कर मरीजों को खाने के लिए दिया जाता है।

मरीजों की सेहत से खिलवाड़

मरीजों को अनहाइजेनिक भोजन देना कहीं न कहीं मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। इस भोजन से इलाज कराने आए मरीजों की तबीयत और बिगड़ सकती है। मालूम हो कि यहां हर दिन करीब 400 मरीजों का भोजन बनता है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट के मुताबिक, मरीजों को उनकी जरूरत के हिसाब से हर दिन अलग-अलग मेनू के हिसाब से परोसी जाती है, पर भोजन जहां तैयार होता है, वहां साफ-सफाई व शुद्धता का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।

एक तरफ बनता भोजन, दूसरी तरफ बर्तन की होती साफ-सफाई

एमजीएम हॉस्पिटल में दो कमरे का किचन है। इन्हीं दो कमरे में भोजन भी पकाया जाता है और गंदे बर्तन की साफ-सफाई भी होती है। आपको जानकर हैरत होगी कि भोजन को तैयार कर बिना ढके खुले में रख दिया जाता है। यहीं पर गंदगी भी पसरी रहती है और यही भोजन फिर मरीजों को खाने के लिए दिया जाता है। ऐसे में मरीजों की बीमारी ठीक होने के बजाए और बढ़ने का खतरा बना रहता है।

नहीं होती साफ-सफाई

एमजीएम हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का किचन की साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं है। किचन के सामने ही सीनियर डाइटीशियन का चैंबर भी है, लेकिन यहां गंदगी पसरी रहती है। नियमित साफ-सफाई नहीं होने से किचन की दीवारें काली हो गई है। यहां पकने वाले भोजन पर मक्खियां मंडराती रहती है और फिर उसे मरीजों को खाने के लिए दे दिया जाता है। इस संबंध में सीनियर डाइटीशियन से जानकारी मांगी गई तो वे संतोषप्रद जवाब नहीं दे सकीं।

मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ आरवाई चौधरी से सवाल-जवाब

सवाल : एमजीएम हॉस्पिटल में हर दिन कितने मरीजों का भोजन बनता है ?

जवाब : यहां लगभग 400 मरीजों का भोजन तैयार किया जाता है। इन्हें मेनू के हिसाब से भोजन परोसा जाता है।

सवाल : हॉस्पिटल के किचन के पास गंदगी पसरी रहती है। इसे साफ क्यों नहीं किया जाता है ?

जवाब : यहां नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। जिस कारण पानी का जमाव हो जाता है। किचन में खाने-पीने के सामान थोड़े-बहुत तो इधर-उधर होते ही हैं।

सवाल : भोजन को तैयार होने के बाद क्यों खुले में छोड़ दिया जाता है ?

जवाब : ऐसी बात नहीं है। परोसे जाने के वक्त भोजन को खुला रखा जाता है, क्योंकि एक साथ सैकड़ों मरीजों को भोजन देना पड़ता है।

सवाल : किचन में ही खाना को बिना ढके खुले में रखा जाता है। क्या यह भोजन मरीजों की सेहत के लिए खतरनाक नहीं है ?

जवाब : ऐसा नहीं है। अगर आपने तस्वीर ली है तो वह किचन की नहीं होगी। किचन में खाना को खुला छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता है।