- मिड डे मील खाने वाले बच्चों के डाटा में बड़ा अंतर

- विभाग लगा रहा सरकार को लाखों का चूना

पारुल सिंघल

मेरठ। बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण देने के लिए सरकारी स्कूलों में दिए जाने वाले मिड डे मील में बड़ा खेल चल रहा है। आईवीआरएस के आंकड़ों की जांच में यह खुलासा हुआ है।

मिला बड़ा अंतर

स्कूलों की ओर से भेजे जाने वाले डाटा और स्कूल में मिड डे मील खाने वाले बच्चों की संख्या में बड़ा अंतर पाया गया है। स्कूलों में प्रति बच्चे मिड डे खाने वाले बच्चों की संख्या हिसाब से विभाग एनजीओ को पैसे देता है। इस अंतर के चलते मिड डे मील प्राधिकरण को हर महीने लाखों रुपये का चूना लग रहा है।

रिपोर्ट एक जैसी नहीं

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों से हर महीने मिड डे मील की रिपोर्ट मिड डे मील प्राधिकरण को भेजी जाती है। एक रिपोर्ट मिड डे मील और अटैंडेंस जांचने के लिए बनाए गए इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) पर और एक रिपोर्ट यूपीएमडीएम.ओआरजीपर भेजी जाती है। मिड डे मील की ओर से रिपोर्ट मिलान में दोनों रिपोर्ट में कई गुना का अंतर पाया गया है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए न्याय पंचायत, रिसोर्स सेंटर आदि शमिल होते हैं, पाया गया है कि स्कूलों में संबंधित लोग विकास क्षेत्रों से डाटा प्राप्त न कर खुद ही डाटा में हेरफेर कर मासिक रिपोर्ट तैयार कर भेज रहे हैं।

यह है स्थिति

विभाग की ओर से पूरे जनपद में तीन महीने की रिपोर्ट चेक की गई है। तीनों महीनों में रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी पाई गई है।

प्राथमिक स्कूल में दर्ज बच्चे

मार्च 2017

- आईवीआरएस : 1105114

- यूपीएमडीएम.ओआरजी : 561736

- अंतर - 543378

- अप्रैल 2017

- आईवीआरएस : 7367316

- यूपीएमडीएम.ओआरजी : 888533

- अंतर : 151817

- जुलाई 2017

आईवीआरएस : 906593

यूपीएमडीएम.ओआरजी : 0

- अंतर : 906593

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उच्च प्राथमिक स्कूल

मार्च 2017

आईवीआरएस : 450314

यूपीएमडीएम.ओआरजी : 170140

अंतर - 280174

- अप्रैल 2017

आईवीआरएस : 257975

- यूपीएमडीएम.ओआरजी : 473491 - अंतर : 215516

- जुलाई 2017

आईवीआरएस : 470400

- यूपीएमडीएम.ओआरजी : 0

- अंतर : 470400

स्कूलों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में गड़बडि़यां पाई गई हैं, स्कूल सही तरीके से रिपोर्ट न भेजकर इस मामले में संबंधित लोगों को गड़बड़ी करने का मौका दे रहे हैं।

वीरेंद्र कुमार, मंडलीय कोर्डिनेटर, मिड डे मील विभाग