पोर्टल अपडेट न होने के कारण सैकड़ों

व्यापारी नहीं करा सके माइग्रेशन

30 के बाद व्यापारियों का वैट रजिस्ट्रेशन हो जाएगा कैंसिल

ALLAHABAD: देश भर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने में महज पंद्रह दिन के समय शेष हैं। इसे लेकर व्यापारियों में उहा-पोह की स्थिति है। क्योंकि वैट में रजिस्टर्ड हजारों व्यापारी अभी तक जीएसटी में माइग्रेशन नहीं करा सके हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा माइग्रेशन के लिए दिए गए पंद्रह दिन के समय की अवधि गुरुवार की देर रात खत्म हो गया है। इतना ही नहीं, जीएसटी का पोर्टल भी गुरुवार को दिन में ही बंद हो गया। इसके कारण इलाहाबाद मंडल के करीब दस हजार व्यापारियों का माइग्रेशन अभी भी अनकम्प्लीट है।

चौंकाने वाली है रिपोर्ट

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन न करा पाने वाले व्यापारियों के लिए गवर्नमेंट ने पंद्रह जून तक का समय दिया था। इस समय का व्यापारियों ने फायदा उठाते हुए माइग्रेशन भी कराया। फिर भी प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर व्यापारियों के माइग्रेशन अनकम्प्लीट हैं। रिपोर्ट पर गौर करें तो 40 प्रतिशत व्यापारियों ने केवल प्रोविजनल आईडी जनरेट करके छोड़ दिया है, जबकि 40 प्रतिशत व्यापारी केवल डिजिटल सिग्नेचर ही अपडेट कर सके हैं। मात्र 20 प्रतिशत व्यापारी ही ऐसे हैं, जिनका माइग्रेशन फुल कम्प्लीट है।

व्यवस्था पर उठा रहे हैं सवाल

व्यापारियों का कहना है कि सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट माइग्रेशन के लिए उन पर दबाव बना रहा है, लेकिन इसके लिए उन्हें व्यवस्था नहीं दे पा रहा है। एक जून से पंद्रह दिन तक के लिए पोर्टल को खोला गया। लेकिन इस पंद्रह दिन में सात से आठ दिनों तक तो सर्वर ही ठप रहा। सर्वर के ठप होने से पोर्टल ही अपडेट नहीं हुआ। यही वजह है रही कि व्यापारी अपना माइग्रेशन नहीं करा सके। व्यापारियों की मानें तो अंतिम दिन यानी पंद्रह जून को भी सुबह से पोर्टल बंद था। पोर्टल के बंद होने की वजह से कोई काम नहीं हो सका।

एक्सपर्ट ने बताया समाधान

एनसीजेडसीसी सभागार में गुरुवार को जीएसटी पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में सांसद श्यामाचरण गुप्ता के साथ सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे। लखनऊ से आए टेक्निकल एक्सपर्ट ने जीएसटी के प्रावधानों से व्यापारियों को अवगत कराया। बताया गया कि वैट में रजिस्टर्ड जिन व्यापारियों का आईडी पासवर्ड आ चुका है, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आईडी-पासवर्ड ही, जीएसटीएन नंबर है। बताया कि व्यापारी अपना बिल छपवा कर आईडी पासवर्ड को ही जीएसटी नंबर के रूप में प्रयोग करें।

फैक्ट फाइल

40 प्रतिशत व्यापारियों ने प्रोविजनल आईडी जनरेट करके छोड़ा

करीब 40 प्रतिशत व्यापारियों ने डिजिटल सिग्नेचर अपडेट करके छोड़ दिया।

मात्र 20 प्रतिशत व्यापारी ही फुल कम्प्लीट कर सके हैं माइग्रेशन

एक्सपर्ट ने व्यापारियों को बताया कि आईडी पासवर्ड ही है जीएसटीएन नंबर

जीएसटी का पोर्टल बंद चल रहा है, ऐसा नहीं है। हां सर्वर स्लो जरूर हो जाता है। लेकिन एक-दो बार के प्रयास के बाद माइग्रेशन वर्क जारी है। पंद्रह दिन का समय मिलने के बाद भी जिन व्यापारियों ने माइग्रेशन नहीं कराया है, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि 25 से 30 जून के लिए एक बार फिर पोर्टल खुलेगा।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

इलाहाबाद मंडल में अभी भी करीब दस हजार व्यापारी माइग्रेशन नहीं करा सके हैं। जिसके लिए सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट जिम्मेदार है। क्योंकि कई व्यापारियों का अभी भी आईडी पासवर्ड नहीं आ सका है। सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी बस व्यापारियों का फर्म सस्पेंड करने में लगे हैं।

संतोष पनामा

व्यापारी नेता

अभी भी सैकड़ों व्यापारी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं। जिसके लिए कुछ व्यापारी और विभाग दोनों जिम्मेदार हैं। लेकिन अब माइग्रेशन के लिए व्यापारियों को और समय दिया जाए।

सतीश चंद्र केसरवानी

अध्यक्ष, गल्ला एवं तिलहन संघ

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में हेल्प डेस्क खोल कर तेजी के साथ व्यापारियों का माइग्रेशन वर्क कम्प्लीट कराया जा रहा है। 15 जून तक कितने व्यापारियों का माइग्रेशन कम्प्लीट हुआ, इसकी जानकारी 16 जून को होगी। लेकिन अभी तक 32 हजार रजिस्ट्रेशन एक्टिवेट हुए हैं।

एलआर गुप्ता

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट