शिनाख्त मिटाने को तेजाब डालकर शव जलाने का प्रयास

दो दिन से गायब था, बुधवार सुबह मिला शव

फीरोजाबाद : दो दिन से गायब दूधिया का शव बुधवार को थाना मटसेना के गांव कनैटा के समीप जमालपुर रोड किनारे आलू के खेत में पड़ा मिला। शव को तेजाब डालकर जलाने का प्रयास किया गया था जिससे उसकी शिनाख्त न हो सके। खेत में युवक का शव देख ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। राह चलते मृतक के साढ़ू के भाई ने शिनाख्त कर परिवार को सूचना दी। मृतक के चाचा ने बसई मोहम्मदपुर के गांव नूरपुर निवासी एक युवक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।

थाना रसूलपुर के गांव बरगदपुर निवासी बबलू (40) पुत्र राजेंद्र सिंह यादव मूल रूप से थाना बसई के गांव नगला उदी का रहने वाले थे। विगत 10 वर्ष पहले वह अपने साढ़ू के गांव बरगदपुर में आकर बस गए थे। बुधवार सुबह उनका शव जमालपुर रोड के समीप आलू के खेत में मिला था। सुबह जब कनैटा की ग्रामीण महिलाएं शौच के लिए खेतों की तरफ गईं तो शव देखकर गांव में दहशत फैल गई। चीख पुकार पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया युवक के सिर में गंभीर चोट के निशान थे। उसका चेहरा फूला हुआ था। शिनाख्त मिटाने के लिए हत्यारों ने शव को तेजाब डाल कर जलाने का प्रयास किया है। तेजाब से युवक का शव काला पड़ गया था और शरीर की खाल भी फट गई थी। शव मिलने की जानकारी होते ही आसपास के गांवों की भीड़ एकत्रित हो गई। इसी दौरान बरगदपुर निवासी रनवीर पुत्र मूलचंद्र अपने दोस्त बंटू और राजेश के साथ बाइक से निकल रहे थे। भीड़ देख वह तीनो रुके और पास जाकर देखा तो रनवीर ने शव की शिनाख्त बबलू (40) के रूप में की। उसने घटना से परिजनों को मोबाइल से जानकारी दी। हत्या की जानकारी होते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजन घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। मौके पर पहुंचे मृतक के चाचा वासदेव ने बताया बबलू सोमवार को सुबह 11 बजे घर से गायब था। उसकी तलाश की लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा था। उन्होंने हत्या के पीछे उसका आपसी लेनदेन बताया। थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने बताया मृतक के चाचा की तहरीर पर थाना बसई के गांव नूरपुर निवासी सरदार सिंह पुत्र उलफत सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था बबलू

बबलू तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसका बड़ा भाई सोनू और छोटा भारत है। बबलू की शादी हुए लगभग 14 वर्ष का समय गुजर गया है। उसके “ीन बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा पियूष (10) और दूसरे नंबर का आकाश (8) तथा तीसरे नंबर का पुत्र छह साल का है। मृतका की पत्नी शीलादेवी के सिर पर पति की मौत के बाद अब “ीन बच्चों का पालन पोषण और उनकी पढाई लिखाई का जिम्मा आ गया है। पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव घर आया, गांव में सन्नाटा पसर गया।