हालांकि फ़ेसबुक ने कहा है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिसके आधार पर कहा जा सके कि सार्वजनिक हुई जानकारियों का गलत इस्तेमाल किया गया है.

कंपनी ने कहा कि वह प्रोग्राम में आई इस त्रुटि से 'परेशान और शर्मिंदा' है. फ़ेसबुक के प्रोग्राम में आई इस गड़बड़ी को एक बाहरी प्रोग्रामर ने पकड़ा है.

ईमेल और फोन नंबर

फ़ेसबुक की ओर से जारी की गई सुरक्षा सलाह में कहा गया है कि यह त्रुटि फ़ेसबुक पर अपलोड की जाने वाली कॉंटेक्ट लिस्ट और एड्रेस बुक को व्यवस्थित रखने के तरीके के कारण हुई है.

दरअसल, फ़ेसबुक कॉंटेक्ट लिस्ट से लोगों के नाम और उनकी संपर्क जानकारियों का विश्लेषण करता है और उन लोगों को दोस्त बनाने की सलाह देता है जिन्हें यूजर के पहले से जानने की संभावना हो.

इस प्रक्रिया के दौरान फ़ेसबुक ने ईमेल और फोन नंबर जैसी जो जानकारियां इकट्ठा की वह भी कांटेक्ट लिस्ट और एड्रैस बुक में अपडेट हो गईं.

फ़ेसबुक के मुताबिक जब लोगों ने अपने प्रोफाइल की जानकारियां डाउनलोड की तब तक यह संपर्क संबंधित जानकारी भी साथ में आ गई और उन लोगों तक पहुंच गई जिनके साथ वो शेयर नहीं की गईं थी.

इस त्रुटि की जांच के बाद पता चला कि करीब 60 लाख लोगों की जानकारी इस तरह साझा हो गई. हालांकि इसके बाद भी फ़ेसबुक का कहना है कि इसका ज्यादा असर इसलिए नहीं हुआ क्योंकि यह जानकारी उन लोगों तक पहुँची थी जो यूजर को पहले से ही जानते थे.

फ़ेसबुक का कहना है कि अब इस त्रुटि को ठीक कर दिया गया है.

मोटा ईनाम

इस त्रुटि के बारे में जानकारी फ़ेसबुक के 'व्हाइट हैट' कार्यक्रम से जुड़े एक प्रोग्रामर ने दी. यह कार्यक्रम फ़ेसबुक की कोडिंग में गलतियां या त्रुटियां पकड़ने के लिए है. इस त्रुटि को पकड़ने वाले प्रोग्रामर को फ़ेसबुक ने मोटी राशि दी है.

इंटरनेट सुरक्षा विश्लेषक ग्राहम क्लूली ने सप्ताहांत से ठीक पहले इस जानकारी को सार्वजनिक करने पर फ़ेसबुक की आलोचना करते हुए कहा कि फ़ेसबुक ने इस जरूरी जानकारी का सभी लोगों तक पहुंचना सुनिश्चित करने के बजाए अपनी छवि बचाने की कोशिश की है.

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