मेजा के कोना गांव में सामने आई घटना, गड्ढा और पूजन सामग्री मिलने से गहराया शक

आठ माह की बच्ची का अपहरण कर हुई हत्या, शव नदी में बहाया

ALLAHABD: मेजा ब्लाक के आखिरी गांव कोना में बुधवार की सुबह औलाद की जिंदगी के लिए नरबलि दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना की सूचना से गांव वालों के साथ ही पुलिस अफसर भी सन्नाटे में आ गए। मौके पर पहुंची पुलिस को स्पॉट पर जो साक्ष्य और स्थानीय लोगों से पूछताछ में जो जानकारी मिली वह नरबलि की ओर ही इशारा कर रही है। पुलिस ने इस मामले में गांव के दो लोगों को पूछताछ के लिए उठा लिया है। हालांकि पुलिस अभी इसे नरबलि का मामला मानने के लिए तैयार नहीं है। बच्ची की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

मां के साथ सो रही बच्ची को उठाया

कोना गांव निवासी रमा शंकर निषाद की पत्नी सुमित्रा देवी बीती रात अपनी आठ माह की बच्ची प्रतीक्षा के साथ घर के भीतर सोई थी। रात दो बजे के करीब वह बच्ची को चारपाई पर छोड़कर लघुशंका के लिये बाहर चली गई। वापस लौटने पर उसे बच्ची गायब मिली। इस पर उन्होंने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई। लोग जुट गए। रात में लोगों ने एक वैन को उधर से जाते हुए देखा तो शक गहरा गया। इसके बाद भी किसी ने सोचा भी नहीं था कि तंत्र-मंत्र का मामला हो सकता है। बच्ची के परिवार के लोग खोजबीन में जुटे रहे लेकिन भोर होने तक बच्ची के बारे में कुछ पता नहीं चला। खोजबीन के दौरान ही वैन सुनसान स्थान पर खड़ी दिख गई। चेक करने पर उसमें कोई नहंी था। सुबह बच्ची का शव टौंस नदी से लगे नाले में उतराया मिला। यह देखकर लोग सन्नाटे में आ गए। बच्ची के खुद चलकर जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता इससे शक हो गया कि कोई लगातार बच्ची को ताड़ रहा था और मां के जाते ही वह बच्ची को उठा ले गया।

पीपल के पेड़ के नीचे पूजन सामग्री

बच्ची का शव मिलने को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो ही रही थी कि गांव वालों का ध्यान पीपल के पेड़ के नीचे चला गया जहां माचिस, अगरबत्ती एवं माला फूल पड़ा था। पास में ही गड्ढा भी खोदा गया था। इससे परिवारवालों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि बच्ची की बलि दी गई है। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पीडि़त परिवार ने गांव के ही रहने वाले रामायण और सुरेश दुबे पर शक जताया तो दोनों को हिरासत में ले लिया गया।

रात 11 बजे खरीदी गई पूजन सामग्री

गांव में पहुंची पुलिस ने खोजबीन शुरू की तो प्राथमिक विद्यालय के सामने स्थित किराना शाप की तरफ नजर गई। पुलिस ने दुकान के ओनर को पूछताछ के लिए बुलाया तो पता चला कि रात 11 बजे तीन लोग उसकी दुकान पर आए थे और पूजन का सामान लेकर गए। इससे पीडि़त परिवार की आशंका बल मिल गया। पुलिस ने गांव वालों से पूछताछ करने के बाद बच्ची का शव अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

तीन औलाद मरने का चक्कर तो नहीं

गांव के लोगों का कहना है कि रामायण दुबे के एक बेटी है। इसके बाद उनकी पत्‍‌नी कई बार गर्भवती हुई और बेटा पैदा भी हुआ लेकिन येन-केन प्रकारेण उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने किसी तांत्रिक से सम्पर्क साधा था। गांव वालों का कहना है कि अपनी औलाद का जीवन बचाने के लिए उन्होंने नरबलि का सहारा लिया है। बच्ची की हत्या गला घोंटकर की गई और गाड़ने का मौका न मिलने पर उसे नदी में बहा दिया गया। इसी के चलते पूरे घटनाक्रम को नरबलि के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है। पुलिस अभी नरबलि की बात मानने को तैयार नहीं है। रामायण और सुरेश से हुई पूछताछ में भी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए के लिए भेज दिया गया है। नरबलि पर अभी कुछ कहना ठीक नहीं है। बच्ची के शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं हैं। पीएम रिपोर्ट से पता चलेगा कि उसकी मौत कैसे हुई। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सीओ मेजा