-केन्द्र की राहत राशि डम्प पर सरकार की नियत में खोट

-अफसर सपा कार्यकर्ता बनकर कर रहे काम भेजेंगे रिपोर्ट

- खेत में उतरकर देखा फसलों का हाल, बंधाया ढांढस

FATEHPUR : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई एक दिवसीय दौरे पर जिले पहुंचे। थरियांव क्षेत्र के टीसी गांव में फसल बर्बादी से सदमें में मरे किसान के घर पहुंच कर परिजनों को ढांढ़स बंधाया। खेतों में उतर कर बर्बाद फसल का मुआयना किया। इसके बाद एफसीआई के गेहूं खरीद केन्द्र पहुंचे और खरीद का जायजा लिया। जिला मंत्री पंकज त्रिपाठी के पक्का तालाब स्थित आवास में पत्रकारों से रूबरू होकर प्रदेश सरकार पर भड़ास निकाली। इसके बाद यमुना कटरी में आयोजित किसान पंचायत में शामिल हुए। जहां किसानों का दर्द बांटते हुए यूपी की अखिलेश सरकार की पोल खोली बोले सूबे का किसान कुदरत के कहर से कराह रहा है, जबकि प्रदेश सरकार के मंत्री पांच पांच लाख के मुकुट पहन कर बालाओं के नृत्य में मस्त है।

प्रदेश सरकार झूठ बोल रही

कटरी के दतौली गांव में किसान महापंचायत में शामिल होने आए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कांत बाजपेई ने कहा कि प्रदेश सरकार झूठ बोलकर किसानों को भ्रमित कर रही है। केंद्र से भेजी गई राहत राशि की नौ सौ करोड़ की धनराशि डंप पड़ी है। यह सरकार किसानों का हित नहीं चाहती। गेंहू खरीद में केंद्र द्वारा दी गई शिथिलता का लाभ न देकर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है।

सपा नेता ने कराया उपद्रव

शामली के बवाल में कहा कि उपद्रव सपा नेता द्वारा कराया गया और मुकदमा बसपा समर्थकों पर किया गया है। उन्होंने जिला स्तरीय अफसरों को निसाने में रख कहा कि फतेहपुर के डीएम समेत कई अफसर सपा कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे है। डीएम के यह नहीं भूलना चाहिए कि वह केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि है। ऐसे अफसरों को कतई नहीं बख्सा जाएगे बल्कि उनकी रिपोर्ट बनाकर केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। सैफई में नाच कराने के लिए सरकार के पैसा है किसानों के लिए नहीं है। इस मौके पर केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी प्रदेश सरकार पर खूब बरसी।

दतौली में आयोजित किसान पंचायत के संयोजक राम प्रताप गौतम, अपर्णा गौतम, विधायक विक्रम सिंह, कृष्णा पासवान, पूर्व मंत्री राधेश्याम गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष रमाकांत त्रिपाठी, विजय प्रताप, प्रमोद दुबे, कुलदीप भदौरिया, बाल चन्द्र मिश्रा, सुधीर मिश्रा, प्रसान्त शुक्ला, अनुराग शुक्ला समेत कई गांवों के लोग पंचायत में मौजूद रहे।