--विधायक, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक के वेतन बढ़ोतरी पर कैबिनेट की मुहर

- 109 नई सेवाएं जुड़ीं सेवा की गारंटी अधिनियम के तहत

- 1400 सरकारी भवनों में होगा ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप

रांची : राज्य मंत्रिपरिषद ने सचेतक से लेकर मुख्यमंत्री तक के वेतन, भत्ते और उन्हें मिलने वाली अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति की अनुशंसा पर कैबिनेट ने इससे संबंधित प्रस्ताव पर मंगलवार को हरी झंडी दे दी। बढ़ोतरी के बाद मुख्यमंत्री को वेतन, क्षेत्रीय भत्ता, सत्कार भत्ता, प्रभारी भत्ता और चिकित्सा भत्ता के मद में तीन लाख चार हजार पांच सौ रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पूर्व में इस मद में सीएम को एक लाख तिरानवे हजार पांच सौ रुपये मिलते थे। इसी तरह मंत्री को पूर्व के 1,68,500 रुपये के मुकाबले 2,74,500 रुपये और विधायक को पूर्व के 1,28,500 रुपये के मुकाबले प्रति माह 204500 रुपये मिलेंगे।

कोल्हान व पलामू को बीएड कॉलेज

कैबिनेट ने इसी तरह सेवा देने की गारंटी अधिनियम के तहत पूर्व से सूचीबद्ध 20 सेवाओं को विलोपित करते हुए 109 नई सेवाओं को जोड़ने से संबंधित कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के प्रस्ताव पर भी अपनी सहमति दी है। साथ ही राज्य के 14 सौ सरकारी भवनों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप लगाने, कोल्हान एवं पलामू प्रमंडल में एक-एक राजकीय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय खोलने तथा 684.5 मेगावाट क्षमता वाले सोलर संयंत्र की स्थापना के लिए एमओयू के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

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किसकी कितनी सैलरी

मुख्यमंत्री

वर्तमान अनुमोदित

वेतन 60,000 80,000

क्षेत्रीय भत्ता 40,000 80,000

सत्कार भत्ता 35,000 60,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

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मंत्री

वेतन 50,000 65,000

क्षेत्रीय भत्ता 30,000 80,000

सत्कार भत्ता 30,000 45,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

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विधानसभाध्यक्ष

वेतन 55,000 78,000

क्षेत्रीय भत्ता 40,000 80,000

सत्कार भत्ता 35,000 60,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

टेलीफोन भत्ता एक लाख (वार्षिक) 10,000 (प्रति माह)

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नेता विपक्ष

वेतन 50,000 65,000

क्षेत्रीय भत्ता 30,000 80,000

सत्कार भत्ता 30,000 45,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

टेलीफोन भत्ता एक लाख एक लाख

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विधायक

वेतन 30,000 40,000

क्षेत्रीय भत्ता 20,000 50,000

सत्कार भत्ता 20,000 30,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

इसके अलावा विधायकों को मिलेगा :

निजी सहायक 20,000 35,000

सवारी भत्ता 1,000 3,000

टेलीफोन भत्ता एक लाख (वार्षिक) 10,000 (प्रति माह)

पत्र-पत्रिका 1,000 2,000

अनुसेवक भत्ता 15,000 25,000

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मुख्य सचेतक

वेतन 35,500 55,000

क्षेत्रीय भत्ता 30,000 50,000

सत्कार भत्ता 30,000 45,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

टेलीफोन भत्ता एक लाख (वार्षिक) एक लाख (वार्षिक)

हवाई यात्रा दो लाख (वार्षिक) तीन लाख (वार्षिक)

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उप मुख्य सचेतक

वेतन 35,500 50,000

क्षेत्रीय भत्ता 30,000 50,000

सत्कार भत्ता 30,000 45,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

टेलीफोन भत्ता एक लाख (वार्षिक) एक लाख (वार्षिक)

हवाई यात्रा डेढ़ लाख (वार्षिक) ढाई लाख (वार्षिक)

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सचेतक

वेतन 30,000 40,000

क्षेत्रीय भत्ता 30,000 50,000

सत्कार भत्ता 30,000 45,000

प्रभारी भत्ता 53,500 74,500

चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000

टेलीफोन भत्ता एक लाख (वार्षिक) एक लाख (वार्षिक)

हवाई यात्रा सवा लाख (वार्षिक) दो लाख (वार्षिक)

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कैबिनेट के अन्य फैसले

- अभियोजन निदेशालय, झारखंड संलग्न कार्यालय घोषित।

- झारखंड राज्य आवास बोर्ड सेवा विनियमावली, 2017 स्वीकृत।

- निकटतम सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों को खोजने के लिये शौचालयों का गूगल मैंपिंग कराने का फैसला।

- झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधन) विधेयक, 2017 को घटनोत्तर स्वीकृति।

- पुनरीक्षित नीति 2012 को अवधि विस्तार। मार्च 2022 तक का मिला विस्तार।

- व्याघ्र परियोजना पलामू के तहत अस्थायी/आंशिक अस्थायी स्थापनाओं में स्वीकृत 75 अस्थायी पदों एवं सम्बद्ध कार्यालयों के स्थायीकरण की स्वीकृति।

- डॉ। नीलम मिंज, दंत चिकित्सक, अनुमंडलीय अस्पताल, नगर उंटारी, गढ़वा बर्खास्त। 2014 से थीं अनुपस्थित।

- वित्तीय वर्ष 2017-18 में दुमका जिला के गोपीकान्दर में 30 शय्यावाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की योजना के लिए 5,19 करोड़ के द्वितीय पुनरीक्षित प्राक्कलन को स्वीकृति।

- देवघर के मोहनपुर अंचल में डीआरडीओ की स्थापना के लिये 0.70 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय को सौंपने का निर्णय।

- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की स्वीकृति। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 63.34 करोड़ की स्वीकृति।

- गिरिडीह नगर परिषद को मिला नगर निगम का दर्जा।

- झारखंड मेडिकल एण्ड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एण्ड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए प्रबंध निदेशक के एक तथा महाप्रबंधक के चार पदों की स्वीकृति।

- भारतीय वन्य जीव संस्था, देहरादून को मनोनयन के आधार पर पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों के अध्ययन की स्वीकृति।

- आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीयल इस्टेट 233.38 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चि¨रग क्लस्टर की स्थापना के लिए 185.59 करोड़ की योजना को स्वीकृति।

- श्रमिक संघ अधिनियम, 1926 में संशोधन। अब 10 फीसद की जगह 30 फीसद कर्मियों का निबंधन जरूरी।

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