- मेरठ से निकले हैं अनेक मेल क्रिकेटर

- शहर में नहीं है महिला क्रिकेटरों के लिए सुविधा

मेरठ। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर की धरती पर मिताली और हरमनप्रीत कौर बनने की इच्छा रखने वाली लड़कियों को मायूसी ही मिली है। शहर में पुरुष क्रिकेटरों के लिए तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन लड़कियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। यही कारण है कि क्रिकेट खेलने की लड़कियों की इच्छा मन में रह जाती है।

खेलने आती हैं पांच लड़कियां

शहर में अनेक क्रिकेट एकेडमी खुली हुई हैं, लेकिन कहीं भी लड़कियों खेलने के लिए नहीं आती हैं। केवल भामाशाह पार्क में पांच लड़कियां खेलने आती हैं। लेकिन उनके लिए भी कोई सुविधा नहीं है, लड़कों के बीच ही वह क्रिकेट की प्रैक्टिस करती हैं।

पहले आई थी टीम

मेरठ की धरती पर 2007 में इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम मेरठ में आई थीं। यहां पर उन्होंने क्रिकेट मैच भी खेले। उस समय दो वनडे मैच कैलाश प्रकाश स्टेडियम में हुए थे। उसके बाद कोई भी मैच नहीं हुए हैं।

स्कूल नहीं लेते रुचि

मेरठ में महिला क्रिकेटरों का बढ़ावा देने के लिए एक दो बार प्रयास भी हुए। स्कूल व कॉलेज को क्रिकेट खेलने की इच्छा रखने वाली लड़कियों को मैदान पर भेजने के लिए कहा पर उनकी तरफ से कोई रेस्पांस नहीं मिला।

निकल सकती हैं कई प्लेयर्स

शहर से भुवनेश्वर, प्रवीन कुमार, करन शर्मा, शुभव मावी, प्रियम गर्ग क्रिकेटर तो बहुत निकले। आगे भी निकलते रहेंगे। क्योंकि उनको यहां सुविधाएं मिलती हैं। यदि लड़कियों को सुविधा मिले तो यहां से भी मितली और हरमनप्रीत कौर जैसी क्रिकेटर निकल सकती हैं।

यहां पर केवल पांच लड़कियां खेलने के लिए आती हैं। उन्हें सिखाया जाता है। सुविधाएं न होने के कारण भी लड़कियां कम आती हैं। इस व‌र्ल्ड कप के बाद लड़कियां शायद आएं।

-संजय रस्तोगी, क्रिकेट कोच

लड़कियों के लिए यहां कभी सुविधाएं ही नहीं दी गई। बीसीसीआई को इस ओर ध्यान देना चाहिए। मेरठ में क्रिकेट का अच्छा भविष्य है। मेरे पास एक दो बार तो लड़कियां आई पर सुविधा न होने के कारण मना कर दिया गया।

-अतहर अली, क्रिकेट कोच

लड़कियों के लिए कभी प्रयास भी नहीं हुए। एक बार जरूर स्कूल कॉलेजों को पत्र लिखा गया, पर कोई जवाब नहीं आया। एक बार फिर से प्रयास किया जाएगा। व‌र्ल्ड कप से ग‌र्ल्स में क्रिकेट का क्रेज बढ़ेगा।

-संजय चौहान, सचिव मेरठ क्रिकेट एसोसिएशन