- प्रिंसिपल और मैनेजमेंट कमेटी के बीच कई सालों से चल रहा है विवाद

- 2014 से जिला प्रशासन की देख-रेख में चल रहा है कॉलेज

DEHRADUN : पिछले म् सालों से महादेवी कन्या पाठशाला कॉलेज सोसायटी और एमकेपी महिला कॉलेज के बीच का विवाद अब निपटने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि इस विवाद को लेकर दो मामले अभी तक न्यायालय में विचाराधीन हैं, लेकिन शासन स्तर पर कोर्ट के पिछले कुछ आदेशों के तहत कॉलेज का प्रबंधन सोसायटी को सौंपे जाने की तैयारियां की जा रही हैं। एक शासनादेश के तहत वर्ष ख्0क्ब् में डीएम को कॉलेज का प्राधिकारी नियंत्रक नियुक्त कर कॉलेज को चलाया जा रहा है।

क्या है विवाद

प्रिंसिपल और एमकेपी कॉलेज सोसायटी के बीच यह विवाद ख्0क्0 में शुरू हुआ था, जब सोसायटी ने प्रिंसिपल डॉ। इंदु सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुछ शिकायतें मिलने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया था। सोसायटी ने निलंबन आदेश के वीसी के अनुमोदन के लिए भेजा, लेकिन वीसी ने उसे वापस भेज दिया। सोसायटी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो हाईकोर्ट ने इस शर्त के साथ निलंबन आदेश जारी रखे कि अंतिम फैसला आने पर प्रिंसिपल को पूरा वेतन दिया जाए।

जांच के बाद भी अनुमोदन नहीं

हाईकोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की देखरेख में मामले की जांच की गई। जांच में फ् बिन्दुओं को प्रिंसिपल को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से प्रिंसिपल के निलंबल का प्रस्ताव पारित कर वीसी के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया, लेकिन वीसी ने फिर अनुमोदन नहीं किया। सोसायटी फिर हाईकोर्ट गई और अभी ये मामला पेंडिंग है।

सरकार ने भंग की सोसायटी

इस बीच राज्य सरकार ने एक शासनादेश के तहत कॉलेज सोसायटी को भंग कर दिया और अंतिम निर्णय होने तक डॉ। इंदु सिंह को पद पर बने रहने का आदेश देते हुए डीएम को प्राधिकारी नियंत्रक बना दिया। शासनादेश में यह भी शर्त थी कि जब नये सिरे से सोसायटी का चुनाव हो जाए तो कॉलेज का प्रबंधन सोसायटी को सौंप दिया जाए।

दो बार चुनाव पर चार्ज नहीं मिला

ख्0क्ब् में एमकेपी कॉलेज सोसायटी ने नये सिरे से चुनाव कराये लेकिन सोसायटी का चार्ज नहीं दिया गया। एक बार फिर सोसायटी हाईकोर्ट गई तो हाईकोर्ट ने प्राधिकारी नियंत्रक को शासनादेश की शर्तो के अनुसार चार्ज सौंपने को कहा, लेकिन इस पर भी अमल नहीं हुआ। सोसायटी ने इस बार अवमानना का मामला दर्ज करवाया। यह मामला भी अभी पेंडिंग है।

ख्0क्7 में फिर चुनाव

इस साल फिर से सोसायटी के चुनाव सम्पन्न हुए। इसके बाद फिर से सोसायटी ने जिला प्रशासन से कालेज का चार्ज देने की मांग की। इस बार जिला प्रशासन ने इस मामले पर शासन से दिशा-निर्देश मांगे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शासन की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश मिलेंगे।

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तत्कालीन राज्य सरकार ने दुर्भावना के चलते और एक भ्रष्ट प्रिंसिपल को बचाने के लिए सोसायटी को उप्र राज्य विवि अधिनियम की धारा भ्8 के तहत भंग किया। सोसायटी को भंग करने से पहले हमें नोटिस दिया जाना चाहिए था, जो नहीं दिया गया। अब हमने फिर से सोसायटी चुनाव करवा लिए हैं, इसलिए जल्द से जल्द हमें कॉलेज वापस मिलना चाहिए।

- जितेन्द्र सिंह नेगी, अवैतनिक सचिव, एमकेपी कॉलेज सोसायटी।