RANCHI: तमाड़ के पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में रिमांड पर लिए गए पूर्व मंत्री राजा पीटर से पूछताछ में अब एनआइए कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन का भी सहारा लेगी। एनआइए के प्रभारी बुधवार को विशेष न्यायाधीश शंभू लाल साव की अदालत पहुंचे। जांच एजेंसी ने कुंदन पाहन तथा नक्सली बलराम साहू उर्फ डेविड को चार दिनों के लिए रिमांड पर लेने का अनुरोध किया है। मालूम हो कि बलराम साहू उर्फ डेविड फिलहाल दुमका केंद्रीय कारा में बंद है, जबकि कुंदन पाहन रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में। अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कुंदन पाहन को ई-कोर्ट में पेश भी करवाया। वहीं, बलराम साहू उर्फ डेविड को तकनीकी कारणों से कोर्ट में प्रस्तुत नहीं करवाया जा सका। इसपर अदालत ने नाराजगी भी जताई है।

खुली राजा पीटर के घर से जब्त सीडी

ई-कोर्ट में ही राजा पीटर के आवास से जब्त डायरी, मोबाइल व अन्य दस्तावेजों के अलावा कुंदन के बयान की सीडी को भी खोला गया। इस मौके पर राजा पीटर के वकील सहित एनआइए के पदाधिकारी व अन्य अधिवक्ता भी मौजूद थे। जब्त सामग्री को खोलने के लिए एनआइए ने अदालत से अनुमति मांगी थी। इसके बाद ओपेन कोर्ट में ही अदालत के आदेश पर एनआइए के अधिकारी उक्त जब्त सामग्री को खोले और अदालत के आदेश के बाद ही अनुसंधान के लिए अपने साथ ले गए।

बयान लीक नहीं करने का अनुरोध

एनआइए के अधिवक्ता ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि आरोपियों की स्वीकारोक्ति व क्म्ब् के बयान को लीक नहीं किया जाए। इसकी अभिप्रमाणित प्रति को भी अधिवक्ताओं को तब तक जारी नहीं किया जाए, जब तक कि इस मामले में एनआइए चार्जशीट दाखिल न कर ले। एनआइए के अधिवक्ता ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का भी हवाला दिया। इसमें राज पीटर के अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए न्यायालय से समय की मांग की है। इस बिंदु पर गुरुवार को सुनवाई होगी।

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कुंदन व डेविड के रिमांड का विरोध

अदालत में एनआइए के माध्यम से कुंदन व बलराम साहू के लिए रिमांड मांगे जाने का बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जोरदार विरोध किया। अदालत को बताया कि इन्हें पहले भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा चुकी है। ऐसे में पुन: रिमांड लेने की जरूरत नहीं है। जबकि, एनआइए के अधिवक्ता ने अदालत में बताया कि पूछताछ के दौरान ही राजा पीटर जैसे बड़े लोग हिरासत में आए हैं। आगे इस मामले में और भी बड़े खुलासे के आसार हैं।

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कुंदन के मारक दस्ते को अरेस्ट करने की तैयारी

गौरतलब हो कि विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन स्वयं शामिल था। बैकअप दस्ता व मारक दस्ता अलग-अलग बना हुआ था, मारक दस्ते में स्वयं कुंदन भी था। क्भ् लाख के इनामी नक्सली कुंदन पाहन के आत्मसमर्पण के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो ने भी उससे लंबी पूछताछ की थी, जिसमें उसने अपने मारक दस्ते का भी नाम बताया है। रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में कुंदन पाहन के अलावा उसके अन्य आठ साथियों में किशोर मुंडा, विशाल, जकारिया, परीक्षित, महेश, सचिन, चिराग महतो व अरविंद जी (दस्ता सदस्य है। पोलित ब्यूरो सदस्य नहीं) शामिल था। एनआइए के अधिकारी अब उक्त हत्याकांड में कुंदन पाहन के मारक दस्ते के सभी साथियों से पूछताछ व गिरफ्तारी की कोशिश करेगी, ताकि इस हत्याकांड की एक-एक कड़ी को बखूबी खोला जा सके और पर्याप्त साक्ष्य जुटाया जा सके, ताकि आरोपियों को कड़ी सजा मिल सके।