- MMMUT के सभागार में आयोजित हुआ तीसरा वर्षगांठ समारोह

- मुख्य अतिथि रहे राज्यपाल के न पहुंच पाने से मायूस हुए टॉपर्स

GORAKHPUR: मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का तीसरा स्थापना दिवस गुरुवार को मनाया गया। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल रामनाईक के हाथों मेडल पहनने की उम्मीद में बैठे टॉपर्स उनके न पहुंच पाने के कारण मायूस नजर आए। खराब मौसम के कारण लखनऊ से उनकी उड़ान कैंसिल हो गई।

गुरु के बिना ज्ञान नहीं

इस मौके पर स्पेशल गेस्ट रहे नेशनल हाइड्रो पावर कार्पोरेशन लिमिटेड भारत सरकार अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक इंजीनियर केएम सिंह ने स्टूडेंट्स को संबोधित किया। कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं इस यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट रहा हूं। यही वजह है कि मुझे उत्कृष्ट अल्मनाई का अवॉर्ड मिला है। स्टूडेंस्ट से कहा कि बिना गुरु के कुछ नहीं सीखा जा सकता। इसलिए गुरु और शिष्य का संबंध मजबूत होना बेहद जरूरी है। गुरु होगा तभी शिष्य को वास्तविकता का अनुभव प्राप्त होगा।

ीसी ने गिनाईं उपलब्धियां

वीसी प्रो। ओंकार सिंह ने अपने संबोधन में यूनिवर्सिटी की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित होने के बाद एमएमएमयूटी ने और तेजी से प्रगति की है, जिसमें बीटेक की प्रवेश क्षमता दोगुनी होनी है। इस सत्र में हुए प्रवेश इसे दर्शाते हैं। साथ ही उन्होंने बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना व केमिकल इंजीनियरिंग का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ होने को यूनिवर्सिटी के बेहतर भविष्य की नींव बताया। मौके पर गणमान्य अतिथियों संग शिक्षक और सैकड़ों स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

कोट्स

मैंने सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है। टीसीएस कंपनी में जॉब करती हूं, लेकिन सिविल सर्विसेज की प्रिपरेशन भी कर रही हूं। मैं आईएएस बनना चाहती हूं ताकि एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल हो देश की सेवा कर सकूं। अपने जूनियर्स से कहना चाहूंगी कि वे अच्छी तरह पढ़ाई करें, ताकि उनका गोल पूरा हो सके।

- शीना गर्ग, बीटेक सिविल इंजीनियर

अमेठी का रहने वाला हूं। एमएमएमयूटी से बीटेक करने में पता ही नहीं चला कब चार साल बीत गए। दो मेडल मिले हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खुशी उस वक्त होगी जब मैं देश की सेवा के लिए सिविल सर्विसेज में अपनी जगह बना लूं। जॉब के लिए कई कंपनियों से ऑफर भी आए, लेकिन मैंने ठान रखा है कि मुझे सिविल सर्विसेज में ही जाना है।

अंकुर त्रिपाठी, बीटेक कंप्यूटर साइंस

आई लव एमएमएमयूटी। मैं टीसीएस कंपनी में जॉब करती हूं। पापा बीएन वाजपेयी डिफेंस में साइंटिस्ट हैं। मां मनोरमा वाजपेयी हाउस वाइफ हैं, कानपुर की रहने वाली हूं। मुझे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य संवारना है। मझे खुशी है कि मैं अपने पैरेंट्स का नाम रोशन कर पाई।

- मोनिका वाजपेयी, बीटेक इलेक्ट्रिकल

लखनऊ का रहने वाला हूं। मुझे इस इस बात की खुशी है कि मैंने एमएमएमयूटी से पढ़ाई की है। मैं एमएस करना चाहता हूं। दो मेडल मिलने से बहुत खुश हूं। पैरेंट्स के सपोर्ट से ये मुकाम हासिल कर पाया हूं।

आशीष पांडेय, बीटेक इलेक्ट्रानिक एंड कम्यूनिकेशन

विप्रो कंपनी में कार्यरत हूं। लखीमपुर का रहने वाला हूं। मुझे मेडल मिले इस बात की खुशी है। इससे भी ज्यादा खुशी इसलिए हैं क्योंकि मैं एमएमएमयूटी का स्टूडेंट रहा हूं।

सौरभ रस्तोगी, एमसीए