- जिले में छह मॉडल स्कूल शुरू किए जाने हैं।

- शासन ने शिक्षक नियुक्ति और खरीद प्रक्रिया में लगाई रोक

: जिले में खुलने वाले छह मॉडल स्कूलों के नए सत्र में संचालन का सपना धरा का धरा रह गया है। शासन ने इस पर रोक लगाकर संचालन की प्रक्रिया को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। स्कूलों में प्रवेश की मंशा संजोए लोगों को खासी निराशा हुई है।

जिले के दनियालपुर, बहुआ, एलई, अलादातपुर, लतीफपुर, अमिलिहापाल में मॉडल स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया था।

आलीशान इमारतें लगभग तैयार हो गई

3 करोड़ 2 लाख की कीमत वाली आलीशान इमारतें एक आध को छोड़कर लगभग तैयार हो गई हैं। इमारतों की तैयारी के बाद शासन से फर्नीचर खरीदनें और शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला गया था। फर्नीचर खरीदने के लिए रुपया भी माध्यमिक शिक्षा विभाग को भेजा गया था। जबकि नौकरी के लिए निकाले गए विज्ञापन में आवेदन भी आ गए थे। चयन प्रक्रिया चल रही थी अचानक दोनों प्रक्रियाओं को निरस्त कर दिया गया।

क्या बोले जिम्मेदार

जिला विद्यालय निरीक्षक मोहम्मद रफीक ने बताया कि शासन से दोनों प्रक्रियाओं को निरस्त कर दिया गया है। अब नए आदेश आने तक संचालन नहीं हो पाएगा। इमारतों में जो काम बाकी है उसे पूरा करा दिया जाएगा। जिससे कि आने वाले समय में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई

यूपी बोर्ड से अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई

मॉडल स्कूलों की खास बात यह है कि इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई कराने की योजना थी। सीबीएसई पैटचर्् से बच्चों को शिक्षित किए जाने का पहला प्रयोग होने वाला था। अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई का पहला निर्णय माध्यमिक शिक्षा मंत्री द्वारा लिया गया था। अब किस माध्यम से शिक्षा होगी यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा।

एक स्कूल में 540 होने थे प्रवेश

मॉडल स्कूलों में 6 से 10 तक कक्षाएं संचालित होनी थी। प्रत्येक कक्षा के दो सेक्शन चलने थे। प्रति सेक्शच् में 40 बच्चों का प्रवेश दिया जाना था। इस प्रकार एक स्कूलच्में 540 बच्चों का प्रवेश होना है। जिले में संचालित होने वाले छह विद्यालयों में कुल मिलाकच्र 3360 बच्चों को शिक्षा मिलेगी।