- मोदी ने मेरे कामों का दोबारा उद्घाटन किया : हरीश रावत

- कांग्रेस ने पुनर्निर्माण कार्यो में किया घोटाला : अजय भट्ट

DEHRADUN : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केदारनाथ में पांच योजनाओं का शिलान्यास करने को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा केदारनाथ में शुरू करवाये गये कामों को दोबारा उद्घाटन करवाया है। दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस के नेता जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उसने कांग्रेस का विकास विरोधी और उत्तराखंड विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। भट्ट ने कांग्रेस पर केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है।

बासी परोसा पीएम ने : रावत

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में जिन कामों का शिलान्यास किया, वे सभी काम पहले से ही चल रहे हैं। हरीश रावत ने कहा कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो के लिए केन्द्र सरकार से 8000 करोड़ रुपये मांगे गये थे, तत्कालीन सरकार ने ख्ख्00 करोड़ रुपये दिये थे और बाकी राशि अब भी लंबित है। मोदी द्वारा आपदा के समय गुजरात की ओर से मदद के प्रस्ताव को नामंजूर किये जाने की बात पर हरीश रावत ने तंज किया, उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में कोई भी मदद का प्रस्ताव करता है तो लोग लपक लेते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे सीएम बनने के बाद यदि मोदी मदद का प्रस्ताव देते तो मैं बिना केन्द्र से पूछे सीधे गुजरात जाता और उनसे माल लेकर जरूरतमंदों की मदद करता। मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि उन्होंने गुजरात का सीएम रहते हुए मदद का प्रस्ताव किया था, उत्तराखंड सरकार ने तो उसे मंजूर कर लिया था, लेकिन केन्द्र से अडंगा लगा दिया था। तब उत्तराखंड में सीएम विजय बहुगुणा थे और केन्द्र में यूपीए की सरकार थी। हरीश रावत ने यह भी कहा कि मोदी ढोल पिटवाकर मदद करना चाहते हैं।

तीन साल तक मिले कंकाल : भट्ट

हरीश रावत के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि इस तरह के बयान से कांग्रेस का विकास विरोधी और उत्तराखंड विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केदारनाथ आपदा के बाद किस तरह से राहत कार्य किये इसका उदाहरण यह है कि तीन साल बाद तक कंकाल मिलते रहे। उन्होंने कहा कि आपदा के समय कांग्रेस के केन्द्रीय नेताओं से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुनर्निर्माण की पेशकश को ठुकरा दिया था और गुजरात से आई राहत सामग्री को भी नहीं बंटने दिया था। उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद जो राशि केदारनाथ के लिए दी गई उसमें में कांग्रेस से भ्रष्टाचार किया और अब नरेन्द्र मोदी केदारनाथ का कायाकल्प करने जा रहे हैं तो कांग्रेस को परेशानी हो रही है।

शिलापट पर नामों को लेकर भी विवाद

इस बीच केदारनाथ में लगाये जिन शिलापटों का अनावरण पीएम ने किया उन्हें लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिये उठाया है। मनोज रावत ने कहा कि भाजपा ने सामान्य शिष्टाचार को भी भुला दिया है। उन्होंने शिलापट पर न सिर्फ अपना नाम न होने पर सवाल उठाया है, बल्कि स्थानीय भाजपा सांसद भुवन चन्द्र खंडूड़ी का नाम न होने पर भी सवाल उठाया है। मनोज रावत ने यह भी लिखा है कि जिन निर्माण कार्यो की घोषणा की गई वे सिंचाई विभाग द्वारा करवाये जाने हैं, लेकिन इस पत्थरों पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज का नाम भी नहीं है। पार्टी में भी खंडूड़ी और सतपाल महाराज का नाम न होने को लेकर सुगबुहाट हो रही है।