मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर आई नेक्स्ट ने अपने एक्सक्लूसिव सर्वे के जरिये ये भी जानने की कोशिश की कि मोदी सरकार ने क्या शिक्षा का स्तर और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने का कोई काम किया है? इस सवाल को लेकर जब हम बनारस की जनता के बीच पहुंचे तो कई तरह के रिस्पॉन्स मिले। आप भी देखिये क्या रहा जनता का फीडबैक

शिक्षा पर सरकार को हां भी, ना ही

- आई नेक्स्ट सर्वे में एजुकेशन डेवलपमेंट को लेकर मोदी सरकार को भरपूर समर्थन नहीं

-आधे से थोड़ा ही ज्यादा मानते हैं कि सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए किया है प्रयास

- शिक्षा से सीधे सरोकार रखने वाले स्टूडेंट ने ही सरकार के प्रयासों का किया समर्थन

VARANASI : कोई भी सरकार हो, देश में हर समय शिक्षा एक अहम मुद्दा साबित हुई है। हर सरकार शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता बढ़ाने के वायदे और दावे करती है। मोदी सरकार ने भी चुनाव से पहले इस मुद्दे को लेकर वादे किए थे। एक साल में सरकार अपने वायदे पर जनता की नजरों में कितनी सफल रही, इसे भी आई नेक्स्ट ने अपने सर्वे में शामिल किया। इस सर्वे में कम से कम प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के लोग ही मोदी का भरपूर समर्थन करते नजर नहीं आए। शिक्षा को लेकर मोदी के संसदीय क्षेत्र में मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ ने जहां माना कि मोदी सरकार ने शिक्षा के स्तर को सुधारने का काम किया है वहीं कुछ इस फैक्ट को खारिज करते नजर आए। कुछ ने उम्मीद जताई कि आगे सुधार हो सकता है।

प्रश्न : क्या शिक्षा का स्तर और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने में मोदी सरकार ने कोई काम किया है?

सर्वे में शामिल सभी बनारस के लोगों में से फ्ख् परसेंट ने माना कि सरकार इस विषय पर काम कर रही है जबकि ख्म् परसेंट का कहना था कि शिक्षा का स्तर पहले से कुछ तो सुधरा है। इस तरह देखा जाए तो भ्8 परसेंट लोग सरकार के फेवर थे।

दूसरी तरफ फ्म् परसेंट ने कहा कि मोदी सरकार ने शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कोई काम नहीं किया है। अन्य छह परसेंट को उम्मीद है कि भविष्य में सुधार होगा। इस तरह ब्ख् परसेंट लोगों ने एक साल के कार्यकाल में शिक्षा के स्तर में सुधार के मुद्दे पर सरकार का समर्थन नहीं किया।

महिलाओं ने किया सरकार का समर्थन

सर्वे में शामिल महिलाओं में मोदी सरकार का समर्थन करने वालों की तादाद पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रही। टोटल महिलाओं में क्म् परसेंट ने जहां ये कहा कि मोदी सरकार काम कर रही है वहीं ब्भ् परसेंट ने कहा कि हां, कुछ तो सुधार हुआ है। इस तरह शिक्षा को लेकर टोटल म्क् परसेंट ने मोदी सरकार का समर्थन किया। जबकि अन्य फ्9 परसेंट महिलाएं शिक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ नहीं थीं।

पुरुषों में समर्थन करने वाले कम

महिलाओं की तुलना में पुरुषों ने कम संख्या में मोदी का समर्थन किया। पुरुषों में फ्7 परसेंट ने माना कि सरकार काम कर रही है वहीं ख्0 परसेंट ने कहा कि हां, कुछ तो सुधार हुआ है। इस प्रकार भ्7 परसेंट पुरुषों ने ही मोदी का समर्थन किया। जबकि ये आंकड़ा महिलाओं में म्क् परसेंट था। पुरुषों में ब्फ् परसेंट लोगों ने शिक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन नहीं किया।

शिक्षा मामले में स्टूडेंट सबसे ज्यादा खुश

शिक्षा का सीधे जिस वर्ग से वास्ता है, वह सरकार से खुश नजर आता है। ख्9 परसेंट स्टूडेंट्स मानते हैं कि काम हो रहा है। ब्7 परसेंट को लगता है कि कुछ सुधार हुआ है। इस तरह 7म् परसेंट स्टूडेंट सरकार के साथ हैं। क्8 परसेंट मानते हैं कि कोई काम नहीं हुआ है। छह परसेंट को भविष्य में सुधार की उम्मीद है।

सर्वे में शामिल ब्भ् परसेंट बिजनेसमेन का मानना है कि शिक्षा के मामले में सरकार ने कोई काम नहीं किया है। पांच परसेंट और उनके साथ हैं जो यह मानते हैं कि फिलहाल तो नहीं भविष्य सुधार होगा। इस तरह भ्0 परसेंट सरकार के खिलाफ हैं। सर्वे में ब्0 परसेंट कहते हैं कि सरकार काम कर रही है। क्0 परसेंट को सुधार समझ में आ रहा है। इस तरह बिजनेसमेन में मोदी को लेकर लोग आधे-आधे में बंटे नजर आते हैं।

सर्वे में शामिल प्रोफेशनल भी पूरी तरह सरकार के साथ नहीं हैं। ख्म् परसेंट मानते हैं कि काम हो रहा है। ख्म् परसेंट को सुधार दिखा रहा है। फ्9 परसेंट को एक साल में शिक्षा पर सरकार का कोई काम नहीं दिखा। नौ परसेंट और उनके साथ हैं जो भविष्य से आश रखते हैं।

सर्वे में शामिल भ्भ् परसेंट हाउस वाइव्स शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता बढ़ाने के मामले में सरकार के पक्ष में हैं ब्भ् परसेंट ने सीधे नकार दिया कि एक साल में सरकार ने इस मुद्दे पर कोई काम किया है।

प्रश्न के जवाब में आफ्शन

-हां सरकार काम कर ही है

-कोई काम नहीं हुआ है

-कुछ स्तर तो सुधरा है

-भविष्य में सुधरने की उम्मीद है