BAREILLY

चर्चित मोहनलाल हत्याकांड के आरोपी बुद्धसेन को सैटरडे जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजाराम सरोज ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 जून 2012 की रात में ग्राम सियाठेरी थाना शीशगढ़ निवासी त्रिलोकी चन्द्र पत्‍‌नी सावित्री देवी के साथ आंगन में लेटा था। कुछ दूरी पर उनके पिता मोहन लाल लेटे थे। उनके पास में लालटेन जल रही थी। रात में करीब 12:30 बजे फायर की आवाज पर त्रिलोकी और पत्‍‌नी की आंख खुल गई तो देखा कि ग्राम टेहरा निवासी बुद्धसेन हाथ में तमंचा लिए खड़ा था।

2012 की वारदात

वादी के जागने पर उन्हें तमंचा दिखाकर धमकी दी। कहीं बताया तो तुम्हें भी जान से मार दूंगा। उन्होंने उठकर देखा तो उनके पिता मरे पड़े थे। अभियोजन की ओर से उनके निजी अधिवक्ता तथा डीजीसी फिरासत उल्लाह ने पैरवी की। बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त बुद्धसेन विभिन्न कंपनियों से जीवन बीमा कराता था। उसने मृतक का 16 लाख रुपये का बीमा कराया था। बीमा की रकम पाने के लिए मृतक के पुत्र त्रिलोकी चन्द्र ने ही अपनी पत्‍‌नी की मदद से पिता की हत्या कर बुद्धसेन को पुरानी रंजिश में झूठा फं सा दिया। पूरी गवाही पर गौर करके सत्र न्यायाधीश राजाराम सरोज ने बचाव पक्ष की दलील अविश्वसनीय मानते हुए नामंजूर कर दी। बुद्धसेन को मोहन लाल की हत्या का दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई।