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LUCKNOW :

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'दीदी ये आप क्या कर रही हैं, मेरे हाथ और पैर क्यों बांध रही हैं। मैंने ऐसा क्या किया है जो आप मुझे पनिश कर रहीं हैं। मैंने तो कोई गलती नहीं की है' कुछ ऐसे ही बोल के साथ डरा सहमा ऋतिक अपनी मां के आंचल में छिप जाता है और तेज-तेज से रोने लगता है। रोते हुए वह अपनी मां से कहता है कि मम्मी दीदी बहुत गंदी हैं। टॉयलेट में लाइट भी नहीं जल रही थी। अंधेरे में मुझे बहुत डर लग रहा था। थोड़ी देर बाद दीदी के आने पर मैं उनसे लिपट गया। उन्होंने मुझे दूर करते हुए कहा कि पहले थप्पड़ मारा और कहने लगी स्कूल में छुट्टी करानी है इसलिए तुम्हारा मरना जरूरी है। इसके बाद उन्होंने चाकू से मुझे मारना शुरू कर दिया। मेरी आवाज किसी को न सुनाई दे इसके लिए दीदी कपड़े के ऊपर मेरे मुहं को बंद कर दिया और धक्का दे दिया। जिसके बाद मैं टॉयलेट की दीवार से टकरा कर गिर गया। दीदी जाने लगी तो मैंने उन्हें अपने साथ लेकर चलने को कहा, लेकिन वह चलीं गई। थोड़ी देर बाद टीचर से दरवाजा खोला। इस दौरान मासूम ऋतिक अपनी मां के आंचल से लिपटा रहा। ऋतिक की मां अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाकर बार-बार दुलार रही थी और कह रही थी बेटा तुम रो मत, दीदी की पिटाई होगी।