8 साल लग गए गंगाजल मिलने में
5 साल लेट पूरा हुआ प्रोजेक्ट
780 किमी लंबी लाइन है।
21 किमी बड़ी लाइन है।
341.3 करोड़ रुपये हुए खर्च
58 अंडरग्राउंड टैंक है सिटी में
157 ट्यूबवेल्स से भी सप्लाई
- भोले की झाल से तीन घंटे छोड़ा गया गंगाजल
- आज से शुरू हो जाएगी प्रॉपर सप्लाई
Meerut : आखिरकार मेरठ के लोगों का गंगाजल का इंतजार खत्म हो ही गया। जल निगम ने सोमवार को पहली बार भोले की झाल से गंगाजल की सप्लाई शुरू की। पहले दिन यह सप्लाई सिर्फ तीन घंटे के लिए की गई, आज से पूरी सप्लाई की जाएगी।
2011 में होना था प्रोजेक्ट पूरा
2008 में शुरू किया गया यह पायलट प्रोजेक्ट 2011 में पूरा होना था। अधिकारियों की मानें तो लाइन बिछाने के लिए मिलने वाली परमिशन ने इस प्रोजेक्ट में देरी कर दी। एनएच-58 पर जब जल निगम द्वारा पाइप लाइन बिछाने की बात आई तो एनएचएआई से परमिशन मांगी गई, जो बहुत देर से मिली। वहीं मलियाना रेलवे लाइन पर रेलवे ने परमिशन देने में देरी लगाई। हालांकि विभाग का दावा है कि पांच साल देरी से पूरे हुए प्रोजेक्ट की लागत नहीं बढ़ी है।
भोला की झाल पर ट्रीटमेंट प्लांट
जल निगम ने भोले की झाल पर 100 एमएलडी गंगाजल का ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखा है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में 100 मिलियन लीटर डेली पानी जांचा जा सकता है।
पानी की मांग
गर्मियां में मांग- 350 एमएलडी
सर्दियों में डिमांड- 235 एमएलडी
सप्लाई- 250 एमएलडी
शाम 4 बजे से 7 बजे तक गंगाजल छोड़ा गया था। नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत हो गई है। मंगलवार से प्रॉपर सप्लाई देने की बात है।
एसपी शर्मा, प्रबंधक, प्रतिभा प्राइवेट लिमिटेड (गंगाजल योजना तैयार करने वाली कंपनी)
शनिवार को टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया गया था। गंगाजल शुरू होने से पानी के दोहन पर काफी हद तक रोक लग जाएगी। लोगों को पर्याप्त गंगाजल मिल सकेगा।
केपी सिंह, अधीक्षण अभियंता जल निगम