-पॉश इलाकों में बंदरों का जबरदस्त आतंक

-कहीं हमला कर घायल कर रहे हैं तो कहीं घरों में घुसकर सामान तोड़कर कर रहे हजारों, लाखों का नुकसान

-लोगों की शिकायतों के बाद भी वन विभाग की नहीं टूट रही नींद, दहशत में रहने को मजबूर लोग

kanpur@inext.co.in

KANPUR : शहर के पॉश इलाकों में बंदर आंतक और दहशत का पर्याय बन चुके हैं। कहीं कटखने बन्दर लोगों को घायल कर रहे हैं तो कहीं अपार्टमेंट, फ्लैट में धावा बोलकर हजारों, लाखों का नुकसान कर रहें हैं। बन्दरों के आतंक ने लोगों कों अपने ही घरों में नजरबंद कर दिया है। बच्चे बाहर खेलने की बजाय घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं ये शहरी बंदर इतने स्मार्ट हो चुके हैं कि दरवाजों के लॉक को भी खोल लेते हैं और घर में घुसकर धमाचौकड़ी करते हैं, जिससे लोगों का हजारों और लाखों रुपए के सामान का नुकसान भी हो रहा है। किचन में घुसकर खाने का सामान तक उठा ले जाते हैं.लगातार शिकायतों के बाद भी वन विभाग की टीम हाथ पर हाथ धरे बैठे हुई है।

जहां दिखा खाना बस वहीं कूद पड़े

सिटी का पॉश इलाका कहा जाने वाला स्वरूप नगर, तिलक नगर, आजाद नगर, वीआईपी रोड के आसपास के इलाकों में इन दिनों बंदरों का बहुत आतंक है। बंदरों के झुंड के झुंड आते हैं और यहां बर्बादी मचा कर चले जाते हैं। तिलक नगर स्थित एल्डोरॉडो अपार्टमेंट में सुबह 7 बजते ही बंदरों के झुंड आ जाते हैं। किसी भी फ्लैट का दरवाजा या खिड़की खुली मिली तो वह फ्लैट में घुसकर धमाचौकड़ी शुरू कर देते है। अब तक हर फ्लैट में लगभग हजारों रुपए के सामान का नुकसान कर चुके हैं। ऐसा दिन में कई बार होता हैं। ये बन्दर इतने चालाक हैं कि अगर डोर लॉक नहीं खोलकर फ्लैट में घुसकर खाना व अन्य सामानों पर टूट पड़तें हैं। तोड़फोड़ के साथ सामान तहस-नहस कर देते हैं। हमलावर बंदरों की दहशत की वजह से लोग बच्चों को अकेले बाहर नहीं खेलने नहीं देते हैं। अपार्टमेंट के गार्ड संजू ने बताया कि बंदर अपार्टमेंट के अंदर रखे डस्टबिन में खाने का सामान ढूंढकर खाने के बाद इधर-उधर फेंक देते हैं। सुबह से शाम तक लोगों का समय बंदरों को भगाने में ही बीत जाता है। वहीं लोगों ने नगर निगम, वन विभाग से शिकायत की, लेकिन लोगों को समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदार विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

घायल भी कर चुके हैं

बंदरों की वजह से सिटी के अन्य इलाकों में भी यही हालात हैं। स्वरूप नगर में रहने वाले अशोक बाजपेयी ने बताया कि बंदरों का आतंक इन दिनों काफी बढ़ गया है। बंदर अपार्टमेंट में घुसकर गमले आदि तोड़ देते हैं। आजाद नगर में रहने वाले मिथलेश ने बताया कि बंदरों के आतंक से जीना मुहाल हो गया है। घर की छतों पर रखा खाने का सामान तक उठा ले जाते हैं। कई बार तो घरों के कमरों तक में घुस जाते हैं। खलासी लाइन इलाके में छत में बंदरों को भगाते हुए एक महिला गिरकर घायल भी हो गई थी। वहीं विकास नगर में एक बच्चे को पिछले दिनों बंदरों ने नोंच लिया था।

----------

सिटी में अगर कहीं भी कटखने बंदर की शिकायत रिटेन में आती है तो उसे एक्सपर्ट की टीम से पकड़वाने की व्यवस्था की जाती है। सबसे पहले वहां पर पिंजरा रखवाया जाता है। ताकि वह आसानी से उसमें खुद ही फंस जाएं। अगर इसमें सफल न हुए तो फिर एक्सपर्ट की टीम बंदर को बेहोश करके उसे पकड़ती है। इसके बाद उसे जू प्रशासन को सौंप दिया जाता है।

-एसएस श्रीवास्तव, डीएफओ

------------------

आजकल बंदरों का आतंक बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अपार्टमेंट में बंदर गमले आदि भी तोड़ देते हैं। हमेशा उन्हें भगाने के लिए एक्टिव रहना पड़ता है।

-ओमप्रकाश

बंदरों का आतंक बहुत ज्यादा फैला हुआ है। वन विभाग बंदरों को पकड़ने में पूरी तरह से नाकाम है। बंदर यहां-वहां हर जगह आतंक मचाए हुए हैं।

-मनीष

बंदर बहुत ज्यादा हो गए हैं। वो किसी पर भी अटैक कर देते हैं। अक्सर घरों से सामान लेकर भाग जाते हैं। अब आम आदमी कहां तक बंदरों को भगाएं।

-गोपाल

बंदरों के आतंक से सब परेशान हैं। बंदर अपार्टमेंट्स में घर की छतों पर चढ़ जाते हैं। सामान फेंक देते हैं, लोगों को परेशान करते हैं। बहुत निगरानी करनी पड़ती है।

- आशीष

बंदरों को भगाने के लिए हमेशा एक्टिव रहना पड़ता है। अक्सर पूरा का पूरा झुंड घुस आता है और उपद्रव काटता है। डंडा लेकर बस बंदर ही भगाते रहना पड़ता है।

- संजू

-------------------

इन एरियाज में फैला है आतंक

सिविल लाइन्स, मनीराम बगिया, कुलीबाजार, पनकी, स्वराज नगर, किदवई नगर, यशोदा नगर, रेलबाजार, कौशलपुरी, बिरहाना रोड, तिलक नगर, सर्वोदय नगर आदि।