स्मार्टफोन शॉपिंग में जबरदस्त बूम

भारतीय कंज्यूमर्स के लिए ई-कॉमर्स शॉपिंग को एक्सेप्ट करने में थोड़ा वक्त तो जरूर लगा लेकिन भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स ने जिस तेजी से एप शॉपिंग के प्रति रुझान दिखाया है. इससे स्मार्टफोन शॉपिंग के बढ़ने की संभावनाएं हैं. ताजा रिपोर्ट के अनुसार आगामी कुछ वर्षों में स्मार्टफोन शॉपिंग लेपटॉप-कंप्यूटर ई-कॉमर्स को पीछे छोड़ सकती है. रिसर्च फर्म केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार इस साल के अंत तक 9 बिलियन एप्स के डाउनलोड होने की संभावना है. फिलहाल भारत में पूरी दुनिया की 9% एप्स डाउनलोड की जाती हैं. भारत इंडोनेशिया, चीन, अमेरिका के बाद चौथा सबसे बड़ा देश है.

स्मार्टफोन इंटरनेट में हुई अपार वृद्धि

स्मार्टफोन शॉपिंग में आई वृद्धि भारतीय स्मार्टफोन मार्केट के एक्सपेंशन से जुड़ी हुई है. भारत में स्मार्टफोन इंटरनेट यूज करने वाले लोग 33 प्रतिशत की दर से बढ़कर 173 मिलियन हो गए हैं. साल 2019 तक प्रतिवर्ष 21% की दर से बढ़कर यह वर्ग 457 मिलियन तक पहुंच सकता है. यही रिपोर्ट बताती है कि भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स द्वारा एप यूसेज, शॉपिंग टॉप्स और मोबाइल कॉमर्स जल्द ही ई-कॉमर्स को पीछे छोड़ सकता है.

कंपनियों के लिए आसान नहीं है डगर

रिपोर्ट कहती है कि यह सही है कि भारत में स्मार्टफोन शॉपिंग और एप यूसेज में जबरदस्त उछाल आया है. लेकिन इससे यह बात तय नहीं होती कि एप कंपनियां इस वृद्धि से फायदे में हैं. दरअसल भारत में 90% एप्स फ्री में अवेलेबल हैं और कंपनियां यूजर्स को पेड वर्जन खरीदने के लिए प्रेरित नहीं कर पा रही हैं. गूगल प्ले का 98% रेवेन्यू फ्रीमियम एप्स से आ रहा है. यह एप्स वह होती हैं जो या तो एक लिमिटेड समय तक अपनी सर्विसेज देती हैं या फिर मैन एप का लाइट वर्जन फ्री में अवेलेबल कराती हैं. ऐसे में कंपनियों को लिए अपनी सर्विसेज एप के द्वारा बेचने में दिक्कत आ रही हैं.

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