सास बहू के रिश्ते में प्यार की एक नई मिसाल पेश की है दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाली सास विमला ने जिन्होंने बहू कविता की जान बचाने के लिए उस समय अपनी किडनी देने का खुद ऑफर दिया जब कविता की मां ने इंकार कर दिया। दरसल कविता काफी टाइम से गुर्दे की प्राब्लम फेस कर रही थी। उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं। पिछले एक साल से वह केवल मेडिकेशन के सर्पोट पर ही जीवन जी रही थी। उसकी बिगड़ती हालत देख डाक्टर्स ने कहा कि कविता के पास जिंदा रहने के अब दो ही तरीके हैं या तो वो डायलिसिस पर रहे या फिर उसका किडनी ट्रांसप्लांट किया जाए। जाहिर है डायलिसिस पर हमेशा तो नहीं रहा जा सकता तो किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र ऊपाय था।

ऐसे में परिवार वालों ने कहा कि उसके गुर्दा बदला जाए और डोनर की तलाश कविता की मां पर जा कर रुकी जो अपनी एक किडनी देने को राजी हो गयीं। इसके बाद सभी जांच के बाद ट्रांसप्लांट के लिए आपरेशन की तैयारी शुरू की गयी पर अचानक ऑपरेशन से कुछ ही घंटों पहले कविता की मां ने ना जाने क्यों किडनी देने से मना कर दिया। सब स्तब्ध  रह गए और कविता के घरवालों की आंखों से आंसू बहने लगे।

पर उसी समय कविता की सास विमला ने मदद के लिए कदम बढ़ाया और फैसला किया कि वो अपनी बहू को अपनी एक किडनी देंगी। विमला का ये फैसला कविता के लिए नयी जिंदगी की सौगात लेकर आया और तमाम टेस्ट के सही पाए जाने के बाद बहु को उसकी सास की किडनी लगा दी गयी। कविता का ट्रीटमेंट और ट्रांसप्लांट करने वाले डाक्टर्स का कहना है कि किडनी कविता को मैच कर गयी है और आपरेशन कामयाब रहा है। हॉस्पिटल से ये भी कंफर्म हो गया है कि सास बहु दोनों एकदम ठीक, सुरक्षित हैं और स्वास्थय लाभ कर रही हैं।  

अस्पताल का स्टाफ भी इस घटना से काफी अभिभूत है और इसे एक रियल लाइफ स्टोरी मानता है जिसकी हैप्पी एंडिंग हुई। अस्पताल के यूरोलॉजी और कविता प्रत्यारोपण विभाग के सीनियर सर्जन आदित्य प्रधान ने बताया कि कविता का 23 जून को ऑपरेशन हुआ और किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक हो गया। कविता और उसकी सास दोनों स्वस्थ हैं।

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