-बृजइंक्लेव में असिस्टेंट प्रोफेसर ने पति से झगड़े के बाद फांसी लगाकर दी जान

-बच्ची रोती रही और झूल गई फंदे पर, घटना की सच्चाई जानने के लिए पुलिस जुटी पड़ताल में

VARANASI: कहते हैं कि अगर किसी मां को अपनी नन्ही जान के जरा भी रोने की आवाज सुनाई देती है तो वह तड़प उठती है। इसके बाद वह तुरंत उसे गले से लगाकर उसे शांत कराने की कोशिश करती है लेकिन सोमवार की भोर में लंका एरिया स्थित बृजइंक्लेव कॉलोनी में एक दुधमुंही बच्ची अपने मां की यह ममता पा न सकी। यहां के सिद्धिविनायक अपार्टमेंट में रहने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपनी क्0 माह की बच्ची को रोते हाल में छोड़कर दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। असिस्टेंट प्रोफेसर ने ये कदम पति से रोज रोज होने वाले झगड़े से ऊबकर उठाया। पुलिस ने डेड बॉडी को कब्जे में ले लिया है।

सिद्धिविनायक कॉलोनी के इस फ्लैट में बसंत कन्या कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर उपासना पाण्डेय (फ्भ् वर्ष) पति विश्वनाथ मिश्र और अपने दो बच्चों संग रहती थीं। आठ साल पहले हुई शादी के बाद कपल को पांच साल का बेटा सत्यप्रीत और दस माह की बेटी अतुल्या है। पुलिस के मुताबिक चेतगंज स्थित आर्य महिला में टीचर पद पर तैनात विश्वनाथ मिश्र का पत्‍‌नी उपासना से अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होता था। रविवार की रात भी दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हुआ। विवाद बढ़ा तो पत्‍‌नी ने खुद को फ्लैट के एक कमरे में बंद कर लिया।

डोर तोड़ पत्‍‌नी को किया बाहर

उपासना के कमरा बंद कर लेने पर पति विश्वनाथ ने उनसे बाहर निकलने को कहा लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया तब पति ने डोर तोड़ कर पत्‍‌नी को बाहर निकाला। इसके बाद कुछ देर तक तो सब शांत रहा लेकिन बाद में उपासना अपनी दस माह की बेटी को लेकर दूसरे कमरे में सोने की बात कहकर चली गई और पति भी ड्राइंग रूम में सोफे पर सो गये। इसी बीच भोर में चार बजे बेटी के रोने की आवाज आने पर विश्वनाथ पत्नी के कमरे में पहुंचे। इस दौरान वहां का सीन देख उनके पांव के नीचे से जमीन ही खिसक गई। कमरे में पत्‍‌नी उपासना पंखे के सहारे दुपट्टे से लटकी हुई थीं।

दी रिश्तेदारों को सूचना

ये देख पति ने इसकी सूचना कुछ रिश्तेदारों के साथ पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने डेड बॉडी को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस का कहना है कि मामले की सच्चाई जानने के लिए जांच की जा रही है।