RANCHI : अगले छह माह में तीन सौ बेड के मल्टी सुपस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की सेवा एचईसी में शुरू होगी। इसे लेकर मंगलवार को एचईसी प्रबंधन ने एमओयू कर मुहर लगा दी। एमओयू एचईसी के सीएमडी अविजीत घोष और पारस हेल्थकेयर के एमडी डॉ। धर्मेद्र नागर के बीच हुआ। एचईसी प्लांट अस्पताल को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा.पारस अस्पताल को छह माह की मोहलत दी जाएगी। इसके बाद अस्पताल में इलाज शुरू नहीं करने पर एक निश्चित राशि का हर्जाना अस्पताल से एचईसी वसूलेगा।

होंगे आधुनिक इक्विपमेंट्स

प्रारंभिक चरण में 50 बेड के साथ पारस अस्पताल सेवा शुरू करेगा। इसके पूर्व ओपीडी सेवा को बहाल किया जाएगा। फिलहाल तीन सौ बेड की सेवा सुपरस्पेशियलिटी के तौर पर शुरू करनी है। लेकिन, इसके पूर्व पारस अस्पताल भवनों का पुनर्निर्माण करेगा। साथ ही सुपरस्पेशियलियटी विंग को शुरू करने के लिए नए और अत्याधुनिक उपकरणों को इंस्टॉल करेगा।

कई विभाग होंगे स्पेशल

कैंसर, कार्डियक, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, यूरोलॉजी, गैस्ट्रो और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी की सेवा अस्पताल में शुरू होगी। एचईसी प्लांट की 10 एकड़ जमीन पर अस्पताल का निर्माण होगा। इसकी सेवा शुरू होने से एचईसीवासियों को इलाज कराने के लिए शहर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कर्मियों का होगा इंश्योरेंस

एचईसी की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण कंपनी खुद अस्पताल को चलाने में सक्षम नहीं है। इसलिए मरीजों के हित को देखते हुए अस्पताल ने पीपीपी मोड पर चलाने का निर्णय लिया है। एचईसी कर्मियों की स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के रखने के लिए ग्रुप इंश्योरेंस कराया जाएगा, ताकि अस्पताल में उन्हें इसकी सेवा मिलती रही। लेकिन, सेवानिवृत्त कर्मियों को इश्योरेंस कराने के पैसा देना पड़ेगा।

दूसरे भवन में शिफ्ट होगा ओपीडी

एचईसी के चिकित्सकों को ओपीडी का संचालन करने के लिए दूसरे भवन में शिफ्ट किया जाएगा। भवन पूरी तरह से अस्पताल को दे दिया जाएगा। ओपीडी में एचईसी के कर्मियों को दिखाने के बाद ही पारस अस्पताल में दिखाने की अनुमति मिलेगी। एचईसी के चिकित्सक द्वारा रेफर करने पर ही पारस अस्पताल में मरीज का इलाज होगा।