दीपिका और इम्तियाज दोनो के साथ कामयाब फिल्में दी हें रणबीर ने

बेशक रणबीर कपूर अपनी पिछली रिलीज लगभग सभी फिल्मों के परिणाम से डरे हुए हैं पर जहां तक तमाशा की बात है तो इसमें रणबीर को कामयाबी दिलाने वाले सभी इंग्रेडियंस हैं। रॉकस्टार जैसी फिल्मप दिलाने वाले निर्देशक इम्तियाज अली हैं और ये जवानी है दीवानी की सक्सेज कंफर्म करने वाली नायिका दीपिका पादुकोण भी है। जाहिर है इम्तियाज-रणबीर-दीपिका की तमाशा से फैंस को उम्मीद है। हालांकि फिल्म का अब तक खास माहौल नहीं बन पाया है। फिल्म में संगीत एआर रहमान का है ये भी फिल्म का एक प्लस प्वाइंट है।

सपनों की दुनिया जैसी है फिल्म की कहानी

ये फिल्म बताती है कि हरेक में कुछ खास होता है और उसे उपेक्षित नहीं करना चाहिए। वेद (रणबीर कपूर) कहानियों के बीच बड़ा हुआ है। उसका बचपन शिमला में बीता है जहां वह कहानी सुनने के लिए पैसे जमा करता था, यहां तक कि चुराता भी था। रामायण, हेलेन ऑफ ट्रॉय, लैला मजनू, हीर रांझा, अलादीन, रोमियो जूलियट जैसी कई कहानियां उसने सुनी। छोटे शहर में रहने वाला वेद कहानियों की दुनिया के लिए बना है। कारपोरेट दुनिया की चूहा दौड़ उसके बस की बात नहीं है। लेकिन इस स्टोरी लैंड से दूर विदेश में युवाओं के बीच उसकी मुलाकात तारा (दीपिका पादुकोण) नाम की लड़की से होती है और एक नई कहानी की शुरुआत होती है। वेद चाहता है कि तारा और उसकी कहानी एकदम अलग हो। वे फैसला करते हैं कि वे एक-दूसरे को कभी नहीं बताएंगे कि वे कौन हैं। अपने बारे में सिर्फ झूठ बोलेंगे। वापस आने के बाद दोबारा कभी नहीं मिलेंगे। लेकिन वे फिर मिलते हैं। क्या वे अपनी कहानी को वैसा बना पाते हैं जैसा वे चाहते थे? क्या वेद साधारण अस्तित्व के बंधनों को तोड़, कारपोरेट जगत को छोड़ वैसा बन पाएगा जैसा तारा उसे देखती है। शिमला, दिल्ली, कोलकाता, जापान, को‍रसिका में उनका तमाशा चलता है, क्योंकि सारी दुनिया वेद और तारा के लिए एक मंच है।

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