>RANCHI:लोकसभा चुनाव में देश के बाकी जगहों की तरह झारखंड में भी मोदी की लहर देखने को मिली। झारखंड की क्ब् लोकसभा सीटों में से क्ख् सीटों पर बीजेपी का कमल खिला। जबकि जेएमएम दो सीट जीतने में कामयाब रहा। जबकि कांग्रेस, जेवीएम, आजसू का तो खाता भी नहीं खुल पाया। वहीं रांची में भाजपा के रामटहल चौधरी ने कांग्रेस के दो बार से मौजूदा सांसद और केन्द्रीय मंत्री रहे सुबोध कांत सहाय को क् लाख, 99 हजार फ्0फ् वोटों से हरा दिया। इस सीट पर तीसरे स्थान पर आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो रहे थे। रांची सीट पर रामटहल चौधरी को ब् लाख ब्8 हजार 7ख्9 वोट मिले। कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय को ख् लाख ब्9 हजार, ब्ख्म् वोट मिला। सुदेश महतो को क् लाख ब्ख् हजार, भ्म्0 वोट मिला। जेवीएम के अमिताभ चौधरी को म्7 हजार, 7क्ख् वोट मिला था। टीएमसी के बंधु तिर्की को ब्म् हजार, क्ख्म् वोट मिला था। झारखंड की विभिन्न पार्टियों के सुप्रीमो को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो को भी हार का सामना करना पड़ा था। बाबूलाल मरांडी जहां दुमका से नहीं जीत पाए, वहीं सुदेश महतो रांची से चुनाव हार गए थे।

हेमंत सरकार के तीन मंत्री हो गए बर्खास्त

साल ख्0क्ब् इस लिए भी चर्चा में रहा कि हेमंत सरकार ने अपने तीन कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। ख्0 फरवरी को झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास, पंचायती राज, श्रम नियोजन और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। विश्रामपुर से कांग्रेस विधायक और ददई दुबे हेमंत सरकार में मंत्री बनने के बाद भी मुख्यमंत्री की सार्वजनिक रूप से आलोचना कर रहे थे। उन्होंने हेमंत सोरेन को सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री तक करार दे डाला। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सरकार में शामिल सभी दलों से चर्चा करने बाद आम सहमति से ददई दुबे को मंत्रिमंडल से हटा दिया। इनकी जगह कांग्रेस कोटे से डालटनगंज से विधायक कृष्णा नंद त्रिपाटी को मंत्री बनाया गया था। म् मई को जेएमएम कोटे से हेमंत कैबिनेट में शामिल ग्रामीण कार्य विकास मंत्री साइमन मरांडी को हेमंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। लिट्टीपाड़ा से विधायक साइमन मरांडी ने लोकसभा चुनाव में राजमहल सीट से अपने बेटे को जेएमएम से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन की आलोचना करनी शुरू कर दी थी। वह लोकसभा चुनाव में जेएमएम उम्मीदवारों का विरोध करने का भी आरोप लगा। इसके बाद नाराज मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए और इस बार बीजेपी के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़े हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल से हटने वाले तीसरे मंत्री थे कांग्रेस के विधायक और कृषि मंत्री योगेन्द्र साव। उन्होंने क्ख् सितंबर को इस्तीफा दे दिया था। उन पर अरोप था कि वह हजारीबाग से आपराधिक संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप को आर्थिक सहायता और हथियार उपलब्ध कराते थे। इस संगठन के सरगना राजकुमार गुप्त ने इनके नाम का खुलासा किया था। इसके बाद इस मामले में राज्य में काफी हंगामा मचा था। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस द्वारा पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। उस समिति ने योगेन्द्र साव के खिलाफ रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद योगेन्द्र साव को कांग्रेस नेतृत्व ने इस्तीफा देने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री को कांग्रेस ने यह भी छूट दी थी कि अगर मंत्री योगेन्द्र साव इस्तीफा देने से इनकार करते हैं, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाए।