ठेकेदार भरवाते हैं सवारी

भगवान टॉकीज से दिल्ली जाने वाली सवारियों को रोड पर खड़े होकर ठेकेदार एमपी और रोडवेज बसों में बिठाने का काम करते हैं। इन डग्गेमार बसों से ठेकेदार महीनेदारी लेते हैं। जो कभी-कभी आते हैं उनसे डेली सौ से पांच सौ रुपए वसूले जाते हैं। भगवान टॉकीज चौराहे पर डग्गेमार बसों के खड़े होने से जाम लग जाता है। जिसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। इसको पुलिस देखकर भी अनदेखा कर देती है।

बड़े ऑफिसर हैं शामिल

आई नेक्स्ट की टीम ने एमपी रोडवेज बस के ड्राईवर और क्लीनर से बात की, तो सामने आया कि एमपी में तो एक्स सीएम बाबूलाल गौर ने 2004 में ही रोडवेज को समाप्त कर दिया था। उसके बाद से वहां पर रोडवेज प्राइवेट में चली गई। यूपी में एमपी रोडवेज को एंट्री नहीं हैं। लेकिन जिस डिस्ट्रिक से निकलते हैं। वहां के रोडवेज अधिकारी और आरटीओ विभाग में पैसा जाता है।

टैक्स में भी हेरा-फेरी

रूल के हिसाब से एक बस को हर एक दिन का यूपी में एंट्री के लिए एमपी बसों को 250 रुपए टैक्स जमा करना होता है। जो एक माह का करीब आठ हजार रुपए तक बनता है। आगरा सिटी के बीचों-बीच से निकलकर डेली 150 बसें निकल जाती हैं। पुलिस से बचने के लिए शादी का परमिट, या फिर तीर्थ पर जाने का परमिट बनवाकर सवारियों में चलाते हैं। राजस्थान रोडवेज बसें भी बिना यूपी का टैक्स दिए दर्जनों बसें सिटी से सवारी लेकर जाती हैं।

भगवान टॉकीज पर चला डंडा

एसपी ट्रैफिक ने पिछले दो दिनों से सिटी में लग रहे जाम से निजात पाने के लिए सैटरडे दोपहर से भगवान टॉकीज चौराहे पर मोर्चा संभाल लिया। वहां देखा कि एमपी और राजस्थान की रोडवेज बसों को ठेकेदार रोड पर खड़ी होकर सवारी भरवा रहा है। जो जाम का कारण बन रही हैं। ट्रैफिक के कास्टेबल लगाकर दो घंटे अभियान चलाकर दो दर्जनों बसों का चालान काटा। एमपी और रोडवेज बसों के खिलाफ अभियान चलाकर करीब दस हजार जुर्माना, पांच गाडिय़ां बंद कर लाइन भेजी तीस चालान किए।

बीएन तिवारी-एसपी ट्रैफिक-

यूपी में एमपी की बसों पर वैन है। राजस्थान बसें भी बिना टैक्स दिए यूपी में सिटी में एंट्री कर रही हैं। इनकों बाहर से निकलने का आदेश हैं। एमपी और राजस्थान बसों पर कार्रवाई की है। रोडवेज और आरटीओ विभाग चाहे तो ये बसें बंद हो सकती हैं।