-कोहरे से निपटने और अन्य संसाधन बढ़ाने को कहा

-कोहरे में वाहनों के टकराने पर मांट टोल पर रुकना पड़ा था

मथुरा:: समय की पाबंद सांसद हेमामालिनी का शैडयूल शुक्रवार को कोहरे ने बिगाड़ दिया। कोहरे में एक्सप्रेस वे पर करीब दो दर्जन वाहन आपस में टकरा गए थे, इससे एक्सप्रेस वे पर जाम लगा रहा। हेमा को मांट टोल प्लाजा पर करीब एक घंटे रुकना पड़ गया। यहीं पर उन्होंने एक्सप्रेस वे पर सुविधाओं के लिए संसाधन बढ़ाने को लेकर जेपी ग्रुप के उच्चस्तरीय प्रबंधन से बात की।

सांसद हेमा गुरुवार को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव था। पार्टी नेताओं के अनुरोध पर वे गुरुवार को मथुरा आ गईं थीं। शुक्रवार को वे दिल्ली जा रही थीं। एक्सप्रेस वे के मांट टोल प्लाजा पर वाहनों की कतारें लगीं थीं, यहां पर ये वाहन रोक लिए गए थे। कारण, कोहरे में वाहनों के टकराने के कारण नोयडा की ओर के रूट पर यातायात बंद था। टोल प्लाजा अथारिटी के अनुरोध पर सांसद को ट्रैफिक सामान्य होने तक करीब 40 मिनट तक स्थानीय गेस्टहाउस में रुकना पड़ा था। उन्होंने पहले तो एक्सप्रेस वे अथारिटी के अधिकारियों से संसाधनों की जानकारी ली, फिर उन्होंने जेपी ग्रुप के उच्चस्तरीय प्रबंधन से फोन पर बात की। सांसद ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह रै¨लग टूटी है, यहीं से बाइक एक्सप्रेस वे पर आ जाती हैं। शुक्रवार को भी एक बाइक के कारण ही वाहन भिड़ते गए। कोहरे में निपटने के इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं। हादसे बेकाबू हो रहे हैं। टक्कर होने के बाद वाहन तत्काल नहीं हट पाते और ऐसे ही वाहन गंभीर हादसे का कारण बनते हैं। सांसद हेमा ने कहा कि यहां पर काफी देर से वाहन रुके हुए हैं, हमें भी जल्दी दिल्ली पहुंचना था। अब ये वाहन भी जल्दी पहुंचने के लिए ओवरस्पीड दौड़ेंगे। और तब हादसे की आशंका बढ़ जाएगी। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि वाहनों को किसी भी सूरत में रुकना न पड़े।

बकौल सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा, जेपी ग्रुप प्रबंधन ने सभी संभव इंतजाम करने का आश्वासन दिया। साथ ही इस तरह के हादसे के लिए ओवरस्पीड को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि कोहरे में स्पीड धीमी होनी चाहिए, मगर तमाम वाहन 100 किमी से भी ज्यादा रफ्तार से दौड़ रहे हैँ। हादसा इसी वजह से हुआ। एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीड को लेकर डिस्प्ले बोर्ड भी हैं, मगर वाहनचालक इसका ध्यान ही नहीं रखते। ओवरस्पीड पर तो स्थानीय पुलिस को ही अंकुश लगाना होगा। सांसद हेमा ने इसके लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन से बात करने का भरोसा दिलाया। इसके बाद हेमा दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।

दिल्ली न जाना पड़े ट्रेन पकड़ने:: मथुरा, आगरा, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद आदि जिलों के तमाम लोग बंगलुरु में नौकरी करते हैं या शिक्षा ले रहे हैँ। बंगलुरु जाने के लिए ऐसे लोग दिल्ली जाकर बंगलौर राजधानी और त्रिवेंद्रम राजधानी एक्सप्रेस पकड़ते हैं। बंगलौर राजधानी दिल्ली से चलकर सीधे झांसी रुकती है जबकि त्रिवेंद्रम राजधानी एक्सप्रेस दिल्ली से बाया मथुरा होते हुए कोटा में ही रुकती है। सांसद हेमा ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को पत्र देकर इन ट्रेनों का ठहराव मथुरा में करने का अनुरोध किया है। तर्क दिया कि अगर ये ट्रेनें मथुरा में ही रुकने लगें तो तमाम लोगों को दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।