पासपोर्ट गुम होने से पिछली बार टूट गया था लक्ष्मी प्रिया का यह ख्वाब

फिर से जुटी तैयारियों में, इलाहाबाद का नाम एशिया में रोशन करने की तमन्ना

ALLAHABAD: लड़कियों को लेकर आम तौर पर माना जाता है कि उनकी अपनी ख्वाहिशें आलमोस्ट खत्म हो जाती हैं या फिर पति और ससुरालवालों की मर्जी पर निर्भर करती हैं। लेकिन, शादी के बाद भी मंजिल हासिल की जा सकती है। पूरे परिवार को इसके लिए मोटीवेट किया जा सकता है? इसकी जीती जागती मिशाल हैं गोविंदपुर की रहने वाली लक्ष्मीप्रिया सक्सेना। वर्तमान में वह बंगलुरु में सैटिल्ड हैं। आई नेक्स्ट से हुई खास बातचीत में लक्ष्मीप्रिया ने बताया भविष्य का सपना और तमाम अन्य बातें। उनका सपना है मिसेज एशिया का ताज अपने नाम करना। पास्टपोर्ट समय पर न मिल पाने के चलते लास्ट टाइम वह इस इवेंट का हिस्सा नहीं बन सकी थीं।

सफल वर्किंग वुमन हैं लक्ष्मी

इलाहाबाद में वकालत की प्रैक्टिस करने वाले रामजी श्रीवास्तव की बेटी लक्ष्मी प्रिया का सपना डॉक्टर बनने का था। लेकिन, परिस्थितियों ने इसकी इजाजत नहीं दी और वह यह ख्वाब पूरा नहीं कर सकीं। शादी के बाद पति के साथ बंगलुरु में शिफ्ट हो गई। इसी साल मई में उन्होंने मिसेज इंडिया स्माइली फेस का खिताब अपने नाम किया तो परिवार के सदस्य खुशी से झूम उठे। इससे उन्हें मलेशिया में छह जून को होने वाले एशिया इंटरनेशनल में देश का प्रतिनिधित्व करने का सुनहरा मौका मिला था। वहां जाने की तैयारियां की लेकिन दिल्ली एअरपोर्ट पर पासपोर्ट गुम हो गया। कई दिनों बाद पासपोर्ट मिला। तब तक आयोजन की तारीख निकल चुकी थी। तभी यह तय कर लिया था कि अगले साल वहां तक जाने का मौका मिलेगा तो एशिया इंटरनेशनल का खिताब जीतकर ही घर लौटना है। लक्ष्मीप्रिया बताती हैं कि इसकी पूरी तैयारी है। बस चांस मिलने की बात है।

प्रैक्टिस से मिली सफलता

लक्ष्मी प्रिया के पति तनमय सक्सेना फार्मा कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर है। जबकि नौकरी की भागदौड़ के बीच पति-पत्‍‌नी दोनों चार वर्ष के पुत्र विवान की देखभाल भी करते हैं। लक्ष्मी प्रिया ने बताया कि मिसेज इंडिया एशिया इंटरनेशनल के लिए आवेदन किया था। फोन पर ही इंटरव्यू हुआ और सलेक्शन हो गया लेकिन आयोजन की तैयारियों को लेकर छुट्टी मिलना मुश्किल था। इसलिए नौकरी और परिवार की देखभाल के बाद रात दस से 11 बजे तक घर पर ही रिहर्सल करती थी। सफलता मिली तो लगा कि लाइफ में अभी तो बहुत कुछ एचीव करना बाकी है। उनके पिता ने कहा कि बिटिया ने अपनी मंजिल खुद तय की है और इसके लिए वह लगातार मेहनत भी कर रही है। हमारी शुभकामनाएं हैं कि वह नित नई ऊंचाइयों को छुए। लक्ष्मी प्रिया का कहना है कि शादी के बाद महिलाओं की ख्वाहिशें दम नहीं तोड़तीं, बस जरूरत है मजबूत इरादे की। शादी शुदा महिलाएं ठान लें तो कुछ भी एचीव कर सकती हैं।