हम अगले मैचों में खुलकर खेल सकेंगे
धौनी ने दूसरे वनडे में छह विकेट से मिली हार के बाद कहा, 'हर साल टी-20 में हमने ऐसा एक प्रदर्शन देखा है, जिसमें हम अच्छा नहीं खेल पाए। अब शायद हम अगले मैचों में खुलकर खेल सकेंगे।' उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि खुलकर नहीं खेलने और जरूरत से ज्यादा सोचने से टी-20 क्रिकेट में मामला पेचीदा हो सकता है। उन्होंने कहा, 'मेरा निजी तौर पर मानना है कि मैंने इस प्रारूप में बहुत दिमाग लगाया। खुलकर अपने स्ट्रोक्स खेलना जरूरी था। मैं शुरुआत में वैसे ही खेला। इस प्रारूप में आते ही बड़े शॉट्स खेलना जरूरी है।'

नंबर छह काफी महत्वपूर्ण क्रम

बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने के बारे में उन्होंने कहा, 'अधिकांश समय जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं, चाहे वह 16वां या 17वां ओवर हो या चौथा या पांचवां ओवर जब विकेट गिर जाते हैं तब भी मेरा मानना होता है कि 130 के पार बनाना चाहिए जो अच्छा स्कोर होगा। मैं इसलिए भी ऊपर आना चाहता हूं कि निचले क्रम पर कोई और जिम्मेदारी ले। नंबर छह काफी महत्वपूर्ण क्रम है।'

सही टीम संयोजन तलाशने में मदद मिलेगी
धौनी ने कहा कि टी-20 सीरीज का सकारात्मक पहलू यह है कि इससे पांच मैचों की वनडे सीरीज से पहले सही टीम संयोजन तलाशने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'वनडे से पहले हमें अच्छा अभ्यास मिल गया है। हम इसका पूरा फायदा उठाकर वनडे के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन उतारेंगे।' धर्मशाला में हार का कारण खराब गेंदबाजी रहा तो यहां बल्लेबाज कमजोर कड़ी साबित हुए हालांकि कप्तान ने बल्लेबाजों का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'पिछले मैच में हमने अच्छी बल्लेबाजी की थी। हम दो पहलुओं पर मेहनत करना चाहते थे, एक रन आउट रोकना और दूसरा जल्दी विकेट नहीं गंवाना। इस मैच में इन्हीं दो वजहों से हमारी बल्लेबाजी कमजोर हुई। हमें 140-150 रन बनाने चाहिए थे। यदि आप हमारी टीम को देखें तो टी-20 और वनडे में अधिकांश बल्लेबाज वहीं हैं। यही हमारी ताकत है और अचानक लोगों को उस तरह का खेल खेलने के लिए नहीं कह सकते जो उनकी ताकत नहीं है।'

अश्विन ने उछाल का सही इस्तेमाल किया
धौनी ने स्पिनर आर अश्विन की तारीफ की, जिन्होंने 24 रन देकर तीन विकेट लिए। उन्होंने कहा, 'स्पिनर हमारी ताकत रहे हैं। उन्हें पिच से ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी, लेकिन उन्होंने उछाल का सही इस्तेमाल किया। धर्मशाला में मैदान छोटा होने से हम अतिरिक्त स्पिनर को नहीं उतार सके थे। कुल मिलाकर स्पिनर हमारी ताकत हैं और उनके अच्छा नहीं खेलने से हमारे प्रदर्शन पर असर पड़ता है।'

मैच थोड़ा पहले कराने का प्रस्ताव रखा
धौनी ने कहा कि ओस को देखते हुए मैच थोड़ा पहले कराना बुरा प्रस्ताव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि इस मौसम में हालात के कारण अंतिम एकादश चुनना मुश्किल होता है। कई बार टॉस भी अहम हो जाता है। यही वजह है कि मैं मैच थोड़ा पहले शुरू करने का हिमायती रहा हूं ताकि ओस का ज्यादा असर नहीं पड़े।

दर्शकों के उत्पात को गंभीरता से न लें

कटक : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए दूसरे टी-20 मुकाबले में दर्शकों ने जमकर उत्पात मचाया, जिसके कारण दो बार खेल को रोकना पड़ा। हालांकि दर्शकों के इस रवैये पर टीम इंडिया के वनडे और टी-20 कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। धौनी ने कहा, 'मुझे याद है कि एक बार हम विशाखापत्तनम में खेल रहे थे और आसानी से मैच जीत गए, लेकिन उस समय भी बोतलें फेंकी गई। यह पहली बोतल से शुरू हुआ और फिर दर्शक इसमें मजा लेने लगे। जहां तक खिलाडिय़ों की सुरक्षा का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि कोई गंभीर खतरा था। कुछ लोग मैदान पर बोलतें फेंक रहे थे। अंपायरों को लगा कि बीच में रहना या मैदान से बाहर जाना सुरक्षित होगा। हम अच्छा नहीं खेले और कई बार इस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है। पहली कुछ बोतलें ही गंभीरता से फेंकी गईं। जिसके बाद यह मजे के लिए किया गया।'

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