- मुगलसराय रेलवे यार्ड में लगी हाईटेक वेइंग मशीन के डाटा को खंगाला

- लगभग पांच घंटे तक चले इंस्पेक्शन में पकड़ी कई खामियां, हाजीपुर रेलवे की विजिलेंस टीम भी रही शामिल

- स्क्रैप लगी वैगन के वेट में घालमेल किये जाने की बात आ रही है सामने

VARANASI:

एशिया के सबसे बड़े यार्ड मुगलसराय रेलवे डिवीजन में एक बार फिर से सीबीआई की धमक से रेल अधिकारियों में खलबली मच गई है। शुक्रवार को सीबीआई व हाजीपुर विजिलेंस की टीम ने मुगलसराय रेलवे के मार्शलिंग यार्ड में वैगन की वेट नापने वाली इन मोशन वेइंग मशीन की तहकीकात की। सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक सीबीआई टीम ने मार्शलिंग यार्ड का इंस्पेक्शन किया। सीबीआई टीम को वेइंग मशीन में छेडछाड़ करने के कुछ क्लू भी मिले हैं। मामला करोड़ों रुपये के हेरफेर से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। हाजीपुर रेलवे के विजिलेंस टीम की मौजूदगी में सीबीआई ने कुछ सीनियर रेल ऑफिसर्स से इंक्वॉयरी भी की है। सीबीआई के डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी के नेतृत्व में इंस्पेक्शन किया गया।

ट्रायल में मिली गड़बडि़यां

मार्शलिंग यार्ड में स्क्रैप लदी वैगन का वेट नापने के लिए हाईटेक वेइंग मशीन लगाई गई है। इस मशीन में छेड़छाड़ कर रेलवे को चूना लगाये जाने का मामला सीबीआई ने पकड़ा है। सीबीआई की टीम ने ट्रायल बेस पर मालगाड़ी के वैगन को नौ से पंद्रह किमी की स्पीड से कई बार चलाकर मशीन में छेड़छाड़ होने की बात भी कंफर्म की है। इसमें अधिकारियों की मिलीभगत से रेलवे को ही चूना लगाने की बात सामने आ रही है। सीबीआई ने वेइंग मशीन के डाटा सहित कुछ जरूरी कागजात को भी खंगाला। सीबीआई टीम के साथ नॉर्दर्न रेलवे के एक अधिकारी भी शामिल रहे।

DRM बिल्िडग में घनघनाते रहे फोन

मार्शलिंग यार्ड में अचानक पहुंची सीबीआई टीम की इंफॉरमेशन मिलते ही रेल अधिकारियों के कान खड़े हो गये। पल भर के लिए तो मार्शलिंग यार्ड के रेलवे एम्प्लॉयज भी समझ नहीं सके कि टीम क्यों आई है। लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि लखनऊ सीबीआई व हाजीपुर जोन रेलवे की विजिलेंस टीम इंस्पेक्शन के लिए आई है तो उनके भी हाथ पाव फूलने लगे। सुबह से लेकर देर शाम तक डीआरएम बिल्डिंग के अधिकारियों के फोन घनघनाते रहे।

पहले भी हुई है छापेमारी

मुगलसराय में तो बीते चार-पांच सालों से सीबीआई की धमक सुनाई पड़ रही है। मुगलसराय में रेल, तेल और कोल में बड़े पैमाने में हो रहे गोरखधंधे की गूंज लखनऊ से दिल्ली तक सुनाई दे रही है। तेल माफियाओं से लेकर कोयला कारोबारियों के ठिकानों तक सीबीआई के हाथ पहुंच चुके हैं। मुगलसराय रेल डिवीजन में इससे पहले भी सीबीआई की छापेमारी हो चुकी है। ख्0क्ख् में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक रेल अधिकारी को एक ठेकेदार से बीस हजार रुपये घूस लेते हुए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इंजीनियरिंग विभाग में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की जाती थी। हालांकि, इस पूरे खेल में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के ही एक बडे़ अधिकारी का नाम भी सामने आया था।