रांची जिले के बॉर्डर से सटे रनिया में पीएलएफआई ने दिया घटना को अंजाम

रांची : रांची जिले के बॉर्डर से सटे खूंटी के रनिया प्रखंड के खुटकुरा पंचायत के मुखिया जॉन लुगुन की हत्या पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने गुरुवार की रात कर दी। रात लगभग 10 बजे घर से जॉन को घर से पीटते हुए ले गए और कुछ दूरी पर ले जाकर पहले गोली मारी और उसके बाद पत्थर से कूच डाला। मारे गए मुखिया जॉन थाना क्षेत्र के ही चेलगिदा गांव के निवासी थे।

कारणों का खुलासा नहीं

घटनास्थल से जांच के बाद खूंटी लौटकर एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने पीएलएफआइ के हाथों ही मुखिया की हत्या किए जाने की पुष्टि की है। हालांकि, हत्यारों ने किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं ली है और न ही पर्चा ही छोड़ा है। हत्या की परिस्थिति जन्य व वास्तविक कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो सका है। वैसे एसपी ने बताया कि हत्या का एक कारण विकास योजनाओं के ठेके को लेकर उत्पन्न विवाद हो सकता है। जो प्रारंभिक जांच में भी सामने आया है।

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आठ-दस की संख्या में थे नक्सली

पुलिस की छानबीन में यह खुलासा हुआ है कि आठ-दस की संख्या में हथियारबंद पीएलएफआइ के नक्सलियों के दस्ते ने मुखिया के आवास को घेरा था। आवाज देकर घर के दरवाजे को खुलवाया और उसके बाद हथियार के बल पर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। मुखिया की पत्नी शांति उग्रवादियों से मुखिया की जान बख्श देने के लिए गिड़गिड़ाती रही, पर उग्रवादियों ने उनकी एक न सुनी। उग्रवादी गाली-गलौज करते व मारते-पीटते मुखिया को कुछ दूर ले गए और गोली से छलनी कर दिया। मुखिया के शरीर में पांच से छह गोली मारी गई है। गोली मारने के बाद उनके सिर, नाक आदि को पत्थर से कूच दिया और चले गए।

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पुलिस का हुआ विरोध

घटना की जानकारी शुक्रवार की सुबह में रनिया पुलिस को दी गई। रनिया थाना प्रभारी विनोद राम ने एसडीपीओ व एसपी को घटना की जानकारी दी। भारी भरकम पुलिस बल के साथ थानेदार गांव पहुंचे, तो लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया। लोग यह कहते सुने गए कि पुलिस सिर्फ शव उठाने आती है, पर सुरक्षा नहीं देती है। इसके बाद तोरपा के एसडीपीओ नाजिर अख्तर, थाना प्रभारी अमित तिवारी, तपकरा ओपी प्रभारी चंद्रशेखर आदि सशस्त्र बल के साथ वहां पहुंचे। शव को उठाने और पोस्टमार्टम कराने की बात सुनकर उपस्थित ग्रामीण भड़क गए। घटना की जानकारी पाकर पहुंचे आसपास के जनप्रतिनिधि हत्यारों की पहचान करके गिरफ्तार करने, मारे गए मुखिया के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने, आश्रित को सरकारी नौकरी देने आदि पर अड़ गए। इसी दौरान एसपी भी वहां पहुंचे। एसपी ने पहुंचकर सबसे पहले मारे गए मुखिया की पत्‍‌नी व ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली। घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद ग्रामीणों से बातचीत आरंभ की। एसपी ने कहा कि पूरा पुलिस प्रशासन पीडि़त परिवार के इस दुख में सहभागी है। उग्रवादियों ने हमें ललकारा है। हम उनकी चुनौती को स्वीकार करते हैं। किसी भी कीमत पर हत्यारे बख्शे नहीं जाएंगे। वे जल्द ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। एसपी ने ग्रामीणों की मांग पर विचार करने और सरकारी सुविधाएं दिलवाने का भी भरोसा दिलाया। इसके बाद ग्रामीण शव को उठाने पर सहमत हुए।

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बीडीओ ने दी दाह संस्कार के लिए सहायता राशि

जिस समय खूंटी सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम हो रहा था, उस समय रनिया प्रखंड के बीडीओ शेखर गुप्ता वहां पहुंचे। इसके बाद उन्होंने सामाजिक परिवार कल्याण योजना के तहत तीन हजार रुपये का चेक पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के लिए मुखिया की पत्नी को दिया। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर तोरपा विधायक पौलुस सुरीन, जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष रोमा कैथा, महासचिव अजय टोप्पो सहित बड़ी संख्या में मुखिया, पंचायत समिति सदस्य आदि उपस्थित थे। बाद में जिला मुखिया संघ का एक प्रतिनिधिमंडल सोमा कैथा के नेतृत्व में उपायुक्त मनीष रंजन से मिला और उन्हें मांगपत्र सौंपा। मांगपत्र में जिले के सभी मुखिया को सुरक्षा प्रदान करने, मारे गए मुखिया के परिजन को मुआवजा व नौकरी देने तथा अपराधियों को गिरफ्तार करना शामिल है। उपायुक्त ने मिलने आए मुखिया संघ के प्रतिनिधिमंडल को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।

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