30 सेकेंड में खेला जाता है तत्काल टिकटों का काला 'खेल'

मुंबई में सक्रिय दलाल बुक करा लेते हैं तत्काल टिकट

-मुम्बई का पीआरएस काउंटर अन्य स्टेशनों की अपेक्षा 30 सेकेंड पहले खुल जाता है

- मुम्बई में बैठे दलाल देश के कई बड़े स्टेशनों में सक्रिय टिकट दलालों के संपर्क में

-ऑनलाइन मुम्बई भेजी जाती है पैसेंजर्स की आईडी, बुकिंग के बाद फ्लाइट से आती है टिकटें

KANPUR। देश भर के स्टेशनों के रिजर्वेशन काउंटर खुलने से पहले घंटों लाइन में लगे व्यक्ति को तत्काल की कंफर्म टिकट क्यों नहीं मिल पाती है? काउंटर पर पहले नंबर पर लगे होने के बाद भी उसे वेटिंग की टिकट क्यों लेनी पड़ती है। इस तरह के कई सवाल हर दिन सैकड़ों पैसेंजर्स के दिमाग में घूमते हैं। लेकिन आज आपका दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीटीई की दी गई गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर जो खुलासा करने जा रहा है, उससे तत्काल टिकट को लेकर खेले जा रहे हर 'खेल' पर से पर्दा उठ जाएगा।

बड़ा नेक्सेस कर रहा है काम

इस खेल का पर्दाफाश पुष्पक एक्सप्रेस में तैनात टीटीई की सतर्कता से हुआ। ट्रेन में तैनात टीटीई साहब यात्रियों का टिकट चेक कर रहे थे। तभी स्लीपर कोच में एक यात्री ने उनको तत्काल टिकट दिखाया। टिकट देख टीटीई का सिर चकरा गया। आप सोच रहे होंगे कि टिकट फर्जी होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल पैसेंजर का तत्काल रेल टिकट मुम्बई स्टेशन के पीआरएस काउंटर से जारी हुआ था। अब सवाल यह उठता है कि तत्काल टिकट तो जर्नी डेट के 24 घंटे पहले जारी होता है और लखनऊ से मुम्बई का सफर भी लगभग 24 से 26 घंटे में तय होता है। फिर यह टिकट यात्री के पास इतनी जल्दी कैसे पहुंचा। टीटीई ने यात्री से पूछताछ की तो पता चला कि उसने यह टिकट दलाल के माध्यम से 1500 रुपये में खरीदी थी।

ऐसे खुला पूरा मामला

टीटीई साहब के मन में इस सवाल को लेकर उथल पुथल हो रहा था। वह वापस लखनऊ पहुंचे। उन्होंने मुम्बई रूट की ट्रेनों में चलने वाले अपने सीनियर टीटीई के सामने यह सवाल रखा। उन्होंने अपने जूनियर टीटीई के सवाल का बड़े विस्तार से समाधान किया। उन्होंने बताया कि मुम्बई का पीआरएस काउंटर अन्य स्थानों की अपेक्षा 30 सेकेंड पहले खुल जाता है। जहां सक्रिय दलाल यात्रियों के मांग के मुताबिक तत्काल टिकट जारी करा लेते हैं। इसके बाद मुम्बई में बैठे टिकट दलाल फ्लाइट के माध्यम से इन टिकटों को देश के विभिन्न छोटे-बड़े शहरों में पहुंचा देते हैं। इस खेल को लेकर टीटीई ने अपने सीनियर ऑफिसर्स को एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपी, जिसके आधार पर इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।

एक दिन पहले दलाल करते बुकिंग

कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, भोपाल, चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में सक्रिय टिकटों के दलालों का संपर्क मुम्बई में बैठे दलालों से होता है। यह पैसेंजर्स से एक दिन पहले ही टिकट बुक कराने का पैसा व आईडी ले लेते हैं। इसके बाद यह दलाल मुम्बई में बैठे दलाल से जरूरत के मुताबिक तत्काल टिकट की मांग करते हैं। मुम्बई में बैठे दलालों को पैसेंजर्स की आईडी ऑनलाइन भेजी जाती है।

40 प्रतिशत तत्काल टिकटें मुम्बई से होती जारी

लखनऊ मंडल के कार्यरत एक टीटीई ने बताया कि मुम्बई ट्रेनों में चेकिंग के दौरान स्लीपर कोचों में तत्काल टिकट में सफर करने वाले यात्रियों की टिकटें लगभग 40 प्रतिशत मुम्बई पीआरएस काउंटर से जारी होती है। फिलहाल इस मामले में यात्री पर कोई कानूनी कार्रवाई का प्रावधान न होने के चलते टीटीई यात्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है। इसलिए दलालों का कारोबार आसानी से चल रहा है।

1500 से 2000 में मिलती टिकट

सोर्सेज की माने तो दलाल तत्काल टिकट यात्रियों को 1500 से 2000 रुपये में बेचते हैं। सोर्सेज की माने तो प्रतिदिन मुम्बई से 500 से 750 तत्काल टिकट भोपाल, इलाहाबाद, आगरा, चंडीगढ़, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर से गुजरने वाली विभिन्न ट्रेनों के जारी होते हैं। जिनको फ्लाइट के माध्यम से इन शहरों में पहुंचाया जाता है। इन शहरों में बैठे टिकट दलाल इन टिकटों को यात्रियों के बीच में वितरण कर देते हैं।

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आपसे इस मामले की जानकारी मिली है। अगर ऐसा है तो यह पैसेंजर्स के लिए बड़ी प्रॉब्लम है। मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही टिकट दलालों के खिलाफ सघन अभियान आरपीएफ को चलाने के आदेश जारी किए जाएंगे।

-गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ एनसीआर

डाटा बैंक

30 सेकेंड पहले खुल जाता है मुंबई का पीआरएस सेंटर

1500 से 2000 रुपए तक हर टिकट पर एक्स्ट्रा वसूलते हैं दलाल

750 तत्काल टिकटें दूसरे शहरों की जारी होती हैं मुंबई पीआरएस सेंटर से