- 60 दिन में तीस हत्या, 10 मामलों में अपने बने वजह

-सामाजिक मूल्यों के पतन के चलते बढ़ रही ऐसी घटनाएं

LUCKNOW: गंगा-जमुनी की तहजीब के शहर में रिश्ते खूनी हो रहे हैं। पिछले तीन महीने में हुई सनसनीखेज वारदातों पर अगर नजर दौड़ाए तो कुछ बेहद चौंकाने वाले फैक्ट भी मिलते हैं, उसमें सबसे बड़ा है अपने बन रहे अपनों के ही दुश्मन। समाजशास्त्री और मनोविज्ञानी इसकी सीधी वजह रिश्तों की कमजोर होती नींव को वजह मानते हैं।

भावनात्मक की डोर कमजोर

गत दिनों बाजारखाला में अनिमेष ने अपने दो मासूम बच्चों को मौत के घाट उतार दिया और फिर खुद ही थाने पहुंच सरेंडर कर दिया। इंद्रेश ने अपनी मां की कुल्हाड़ी से काट दिया और पूरे घर में ताला बंद कर चला गया। परिवार के विरोध के बाद जिसने रुचि से लव मैरिज की उसी ने उसे मौत के घाट उतार दिया। यह कोई सोची समझी साजिश नहीं बल्कि अचानक हुई परिस्थितियों के बदलाव का नतीजा रही। ऐसा क्यों हुआ? और क्यों ऐसी परिस्थितियां उपजी? उन सभी केसेस की पड़ताल करेंगे तो नतीजा निकलेगा कि वर्तमान समय में सामाजिक मूल्यों का पतन हो रहा है। हालत यह की रिश्तों की भावनात्मक डोर कमजोर पड़ने लगी है।

रिश्तों का खून

15 जनवरी: मडि़यांव के गायत्री नगर में विवाहिता रुचि पांडेय की हत्या। रुचि ने लव मैरिज की थी और नशे की लत के चलते पति ने उसे मौत के घाट उतार दिया था।

27 जनवरी: मडि़यांव में कुषमा (20) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत। पति बजरंगी पर हत्या का मुकदमा दर्ज

07 फरवरी: मलिहाबाद क्षेत्र में काकोरी के कौडि़या निवासी किसान खुशीराम की हत्या। हत्या करने वाला उसका वफादार

19 फरवरी: काकोरी के काजीखेड़ा गांव निवासी श्रवण रावत ने अपनी पत्नी अनीता और मासूम बेटे अंश को मारकर जहरीला पदार्थ खा लिया।

25 फरवरी: आशियाना इलाके में एक गर्भवती महिला लक्ष्मी की हत्या, पति पर लगा हत्या का आरोप।

26 फरवरी: अलीगंज क्षेत्र निवासी इंद्रेश कटियार ने बूढ़ी मां शकुन्तला को प्रापर्टी के विवाद में कुल्हाड़ी काट डाला

21 फरवरी: गुडंबा में महिला ने फंदे से लटकता शव मिला था। पति रिजवान पर हत्या का मुकदमा दर्ज।

01 मार्च: गोमतीनगर रेलवे स्टेशन के पास एक गर्भवती महिला का शव मिला था। पुलिस के खुलासे में महिला का हत्या उसका पति निकला।

03 मार्च- बाजारखाला के तिलकनगर निवासी अभिनेष ने अपनी मासूम बेटी एवं बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी।

वर्तमान समय में मूल्यों का पतन हो रहा है। व्यक्ति रिश्तों से समझौता कर रहा है। संविदा के तौर पर केवल अपनी जरूरत पूरी कर रहा है। रिलेशन में इमोशन खत्म हो रहा है। संस्कारों में पतन हो रहा, जब तक टॉलरेट करने की भावना रिश्ते में नहीं आएगी, ऐसी वारदातें होती रहेंगी।

-प्रो। राम गणेश यादव, एचओडी सोशियोलाूजी, एलयू

अपनों को या फिर नजदीक लोगों को आघात पहुंचाने वाले मानसिक बीमार होते हैं। मानसिक विकृति के चलते ही वह ऐसी घटनाओं को अंजाम देते है। परिवार में अगर किसी व्यक्ति के व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ जाता है या फिर उसे नींद नहीं आती, अश्लील हरकत कर रहा हो तो उसका मानसिक इलाज करायें। मानसिक बीमार लोग सबसे पहले अपने नजदीकी लोगों को ही आघात पहुंचाते है।

डॉ। हरजीत सिंह, साइकोलॉजिस्ट, पूर्व एचओडी, केजीएमयू