- निरालानगर क्रासिंग गेट सं2या 6 से डालीगंज रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक से निकली थी 1िलप

- रेलवे प्रशासन में मचा हड़क6प, कई ट्रेनें गुजर गई तब पता चला रेलवे प्रशासन को

LUCKNOW: लग5ाग दो सप्ताह पहले बादशाहनगर-डालीगंज क्रासिंग के बीच 77 स्लीपर से 308 पेन्ड्राल 1िलप 2ाुली पाए जाने का मामला अ5ाी साफ नहीं हो पाया। इसके लिए सुरक्षा एजेंसिया लगातार प्रयास कर रही हैं और दो दिन पहले ही आरपीएफ ने इसके लिए अ5िायान 5ाी चलाया, लेकिन 2ाुलासा नहीं हो सका। वहीं थर्सडे की सुबह एक बार फिर से पेन्ड्राल 1िलप के 2ाुलने का मामला सामने आने से रेलवे प्रशासन के होश उड़ गए। इस बार तो 2ाुली पेन्ड्राल 1िलप वाली जगह से कई ट्रेनें गुजर गई तब जाकर रेलवे के अधिकारियों को 2ाबर हुई। निरालानगर क्रासिंग गेट सं2या छह से डालीगंज रेलवे स्टेशन के बीच सुबह रेलवे ट्रैक के 6 स्लीपर से 25 पेन्ड्राल 1िलप निकली हुई पाई गई। हालांकि सूचना मिलने से पहले काठगोदाम ए1सप्रेस और गोरखपुर इंटरसिटी समेत कई ट्रेनें इस ट्रैक से गुजर चुकी थी, लेकिन मामले की जानकारी मिलते ही लखनऊ जं1शन की ओर से आ रही रही बाराबंकी मेमू को डालीगंज और कुछ ट्रेनों को बादशाहनगर स्टेशन पर रुकवाया गया। पिछले मामले को आतंकवादी घटना बताने वाला रेलवे प्रशासन इस बार अलग राग अलाप रहा है। उसका कहना है कि इस बार 2ाुली मिली पेन्ड्राल 1िलप की ग्रीसिंग की गई थी। ऐसे में जब रेलवे ट्रैक से ट्रेन गुजरी तो उससे होने वाले कंपन से यह 1िलप 2ाुद ही निकल गई।

ट्रैक किनारे रहने वालों ने दी सूचना

निरालानगर रेलवे क्रासिंग गेट सं2या 6 से डालीगंज रेलवे स्टेशन के मध्य निकली पेन्ड्राल 1िलप की सूचना दो व्यक्तियों ने दी। ट्रैक के किनारे रहने वाले वीरेंद्र यादव और इ6ितयाजुल हक सुबह ट्रैक के किनारे 2ाड़े होकर कुछ बात कर रहे थे। इसी दौरान दोनों की नजर उन बच्चों पर पड़ी जो पेन्ड्राल 1िलप के साथ 2ोल रहे थे। स्लीपर को रोकने के लिए लगाए जाने वाले इन पेन्ड्राल 1िलप को बच्चों के हाथ में दे2ाते ही दोनों पहले तो घबरा गए। बाद में यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में र2ाते हुए दोनों ने बच्चों से पेन्ड्राल 1िलप एकत्र की और आनन-फानन में इसकी सूचना निरालानगर क्रासिंग गेट पर तैनात गेटमैन श्यामबाबू को दी। 9.15 बजे ही गेटमैन ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम और डालीगंज स्टेशन मास्टर को दे दी। सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद तो घटना स्थल पर रेलवे अधिकारियों का पहुंचना शुरू हो गया। जीआरपी, आरपीएफ के साथ ही रेलवे प्रशासन के आलाधिकारी 5ाी पहुंच गए। डीआरएम विजयलक्ष्मी कौशिक, वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त सहरिश सिद्दीकी, पुलिस और इंजीनियरिंग वि5ाग के अधिकांश अफसर मौके पर पहुंच गए। सूचना मिलने के बाद लखनऊ जं1शन से आ रही मेमू को डालीगंज रेलवे स्टेशन पर रुकवाया गया। कुछ ट्रेनों को बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर 5ाी रोका गया।

भाईसाहब 1िलप निकले हैं

जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्रीय निवासी वीरेंद्र और इ6ितयाजुल हक ने सही समय पर सूचना दी। शुक्र है कि इससे पहले कहीं किसी तरह की दुर्घटना नहीं हुई। वीरेंद्र और इ6ितयाजुल हक रेलवे ट्रैक के किनारे ही रहते हैं। इन लोगों को रेलवे ट्रैक पर 11 पेन्ड्राल 1िलप मिले थे, जिसे उन्होंने उठाकर गेटमैन को दे दिया। उन्होंने जल्द से जल्द इन 1िलपों को स्लीपरों में लगवाने की बात 5ाी कही। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार घटना के समय निरालानगर क्रासिंग से सिटी स्टेशन के बीच निगरानी करने वाला ट्रैकमैन नहीं मिले। ऐसे में बादशाहनगर साइट पर ड्यूटी कर रहे कीमैन को बुलाकर फिर से पेन्ड्राल 1िलप लगवाए गए। जानकारी के अनुसार 1िलप लगाए जाने से पहले काठगोदाम ए1सप्रेस, गोरखपुर इंटरसिटी मेमू, बरौनी ए1सप्रेस और बाघ ए1सप्रेस इसी रेलवे ट्रैक से गुजर चुकी थी। रेलवे प्रशासन के अनुसार इस बार स्लीपर से निकले पेन्ड्राल 1िलप सीरीज में नहीं थे। स5ाी स्लीपर एक-दूसरे से दूरी पर थे। यही 1िलप यदि सीरीज से निकले होते तो दुर्घटना हो सकती थी।

कोट

इस बार मिली पेन्ड्राल 1िलप किसी साजिश का हिस्सा नहीं लग रही। मर6मत केलिए इनकी ग्रीसिंग की गई थी। इसके बाद जब यहां से ट्रेनें गुजरी तो ट्रेनों के आवागमन से होने वाले कंपन के चलते ये पेन्ड्राल 1िलप निकल गई। इन को फिर से मर6मत कर दिया गया है।

विजय लक्ष्मी कौशिक

डीआरएम, पूर्वोत्तर रेलवे

बा1स

निकाली गई थी लाइन से पेन्ड्राल 1िलप

बताते चले कि तीन दिसंबर की देर रात बादशाहनगर-डालीगंज के बीच 77 स्लीपर से 308 पेन्ड्राल 1िलप मिले थे। अज्ञात बदमाशों ने इन पेन्ड्राल 1िलप को निकाल कर ट्रेन को गिराने की साजिश की थी। इस मामले की जांच एटीएस, एसटीएफ, क्षेत्रीय पुलिस और आरपीएफ कर रही है।