- अमृतेष की बहन अर्चना ने कहा अब तो कातिल के पकड़े जाने का कर रहे इंतजार

- बैंककर्मी अमृतेष के मर्डर केस में नहीं मिला कोई सटीक क्लू

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PATNA : मेरे भाई ने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था. वह तो लोगों से इतना अच्छा रिलेशन रखता था कि कोई उससे नाराज हो ही नहीं सकता. दोस्तों का भी इतना कोऑपरेशन रहा कि डगमगा भी जाए तो वे उसे थाम लेते थे. आखिर कौन है वह शख्स जितने उसे मार डाला. अब मेरा भाई लौटकर तो नहीं आएगा लेकिन यह जानना जरूरी है कि उसकी हत्या आखिर किसने की. यह एक मिस्ट्री बनकर न रह जाए. आंखों से छलकते आंसू को रोकने की नाकाम कोशिश करती अमृतेष की बहन अर्चना बार-बार कातिलों की गिरफ्तारी की इल्तिजा कर रही थी. वह विजयवाड़ा से हसबेंड ज्वाला सिन्हा के साथ पत्रकार नगर मायके आई हुई है. विजयवाड़ा में ही आइडीबीआई बैंक में असिस्टेंट मैनेजर अर्चना के पति वहीं रेलवे में पोस्टेड है. मां पिता और भाई अब किसके भरोसे पटना में रहेंगे इसकी भी चिन्ता उसे खाये जा रही है. वह उन लोगों को अपने साथ भी चाहती है ले जाना.

भाभी ने ही भैया को चुना था

अमृतेष के जाने के बाद सभी उसकी पत्नी आभा के लिए फिक्रमंद हैं. अर्चना कहती है वह तो बच्ची है. फैमिली आर्थिक रूप से कमजोर है. उसके सिर पर तो पिता का साया भी नहीं था. कम पढ़ी थी तो हमलोगों ने ही उसे टेंथ करवाया है. वह आगे पढ़ना चाहती है उसे पढ़ाया जा रहा. भैया ने उससे शादी भी इस लिये की क्योंकि खुद भाभी ने ही उन्हें चुना था.

चंदन और बमबम से हुई पूछताछ

पुलिस को अमृतेष के घर से चंदन और बमबम का सर्टिफिकेट मिला था. इन लोगों से पुलिस ने पूछताछ की है. एक लड़का तो डीएसपी के पास खुद ही पहुंच गया था और सारी जानकारी दी. मिली जानकारी के मुताबिक चंदन ने पुलिस को बताया कि उसका सर्टिफिकेट के पास दिल्ली में खो गया था. वह उस समय अपने बहनोई बमबम के पास गया था. चंदन नवादा का रहने वाला है जबकि बमबम बख्तियारपुर का निवासी है. बमबम ने पुलिस को यह बताया कि एक व्यक्ति मेडिएटर रहा है जिसके थ्रू अमृतेष को वह जानता था. उस व्यक्ति की पहचान पुलिस ने कर ली है लेकिन फिलहाल उसका नाम नहीं खोलना चाहती.

सात महीने पहले मार्केट में आई थी बाइक

राजेन्द्र नगर पुल पर बाइक का नम्बर प्लेट सीधा मगर मीठापुर पुल तक आये तो टेढ़ा कर दिया था. यानी सीसीटीवी कैमरे में पुल पर जो अपराधी आते दिखे वहां नम्बर प्लेट सही है, लेकिन अमृतेष की हत्या कर भाग रहे अपराधियों की बाइक में उसका नम्बर प्लेट मोड़ दिया गया है. बाइक नई है और बजाज डिस्कवर की वह मॉडल है जो बाजार में सात महीने पहले ही आई है. पुलिस उस कलर की बाइक के बारे में आरटीओ से जानकारी मांगी है. कितनी उस कलर की बाइक रजिस्टर्ड है. साथ ही वह किसके नाम पर है.