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ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे युवक, शिकार बन गया मासूम किशोर

ALLAHABAD: गुरुवार को एक और निर्दोष सरेआम गुंडई करने वालों का शिकार बन गया। ताबड़तोड़ फायरिंग में उसे अपनी जान गंवानी पड़ गई। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते पुलिस सन्नाटे में आ गई और आनन-फानन में पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई। इसके बाद पूरे एरिया में सन्नाटा पसर गया। मृतक के घर रोना-पीटना मचा था और सरेआम गुंडई करने वाले गायब हो चुके थे। इस मामले में कुल छह लोगों के खिलाफ झूंसी थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। नामजद दो लोगों को देर रात तक पुलिस ने उठा लिया था।

सुबह हुआ था विवाद

मामला झूंसी एरिया के कन्हईपुर गांव का है। लंगड़ीपुर निवासी निजामुद्दीन का बेटा फैजान गांव के अफरोज, अमन, सुहेल, सेराज, सुधांशु, कैफ व नागे के साथ गुरुवार की सुबह क्रिकेट खेलने मैदान पर गया था। इसी दौरान मैदान पर तुलसीराम यादव का बेटा अश्वनी व उसका भाई अमित अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंचा। इन लोगों ने पहले से खेल रही टीम से ग्राउंड खाली कर देने को कहा। फैजान ने मना कर दिया तो अश्वनि तैश में आ गया। इसे लेकर दोनों में विवाद होने की सूचना मिलने पर अफरोज पहुंच गया और उसने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग कराया। तब तक गांव के अन्य लोग भी पहुंच चुके थे। इसमें फैजान की मां भी शामिल थी। उसने अपने ही बेटे को फटकार लगाई और अपने साथ लेकर चली गई। इसके बाद भी अश्वनी ने देख लेने की धमकी दी तो लोगों ने इसे इग्नोर कर दिया। नतीजा, मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा।

पिस्टल से की ताबड़तोड़ फायरिंग

शाम को फिर से युवक क्रिकेट खेलने ग्राउंड पर पहुंच गए। सुबह के वक्त पहले खेलने वाला पक्ष ग्राउंड पर मौजूद था जबकि अश्वनी अपने साथियों के साथ बाद में पहुंचा। उसने तत्काल मैदान खाली कर देने को कहते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी। इस पर मैदान पर पहले से खेल रहे युवकों ने उसका विरोध किया तो बात आगे बढ़ गई। अश्वनी इसके लिए पहले से तैयार होकर आया था तो अपने साथ पिस्टल भी रखी हुई थी। बात आगे बढ़ते ही उसने पिस्टल निकाल ली और फायर झोंक दिया। इससे मैदान पर भगदड़ मच गई। जान बचाने के लिए खिलाड़ी भागने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हमलावर का टारगेट अफरोज था लेकिन वह बच गया और गोली उसके भाई फैजान को जा लगी। फैजान के गोली खाकर गिरते ही अश्वनी और उसके साथी स्पॉट से भाग निकले। स्थानीय लोग फैजान के परिवार को जानकारी देने के बाद त्रिवेणी हास्पिटल लेकर पहुंचे। यहां से डॉक्टर्स ने उसे एसआरएन के रेफर कर दिया। एसआरएन हास्पिटल पहुंचने पर डाक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

तनाव जानकर खुद पहुंचे एसएसपी

जैसे ही सौ नम्बर पर पुलिस को गोली चलने की सूचना मिली और मामला दो समुदायों से जुड़ा होना पता चला एसएसपी आनंद कुलकर्णी, एसपी गंगापार सुनील कुमार सिंह खुद पहुंच गए और कई थानों की फोर्स बुला ली। तब तक सैकड़ों लोग मृतक के घर के बाहर जमा हो चुके थे। मृतक के घर कोहराम मचा था। फैजान की मां और बहनो को संभालना मुश्किल था। कुछ देर बाद ही अधिकारियों के समझाने पर परिजन व ग्रामीण शांत हो गए। परिजनों की तरफ से छह लोगों को नामजद करते हुए तीन अन्य अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी गयी है। पुलिस भी मामले को शांत करने के लिए तत्काल सक्रिय हो उठी और दो नामजद आरोपियों को देर रात तक दबोच लिया।

घर पहुंचा तो सामने थी बेटे की बॉडी

मृतक फैजान के पिता का नाम निजामुद्दीन है। उनके कुल चार बेटे और तीन बेटियां हैं। फैजान बेटों में तीसरे नंबर पर था। वह शहर के एक टेंट हाउस से जुड़े हुए हैं। परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाने को मशक्कत करने वाले निजामुद्दीन अपने पास मोबाइल भी नहीं रखते हैं। सुबह वह घर से निकले तो सबकुछ नार्मल था। मोबाइल न होने के चलते उन्हें बेटे की मौत की सूचना भी नहीं मिल पायी। वह रोज की तरह घर पहुंचे तो घर के बाहर भीड़ देखकर ठिठक गए। पत्‍‌नी की चीख और बेटियों के रोने की आवाज से वह हिल गए। घर के भीतर पहुंचे तो पता चला कि बेटे की हत्या हो चुकी है और बॉडी मोर्चरी में है। पत्‍‌नी शकीला बेगम को देखकर वह फफक पड़े। जैसे-तैसे उन्हें गांव के लोगों ने मिलकर संभाला। पति को देखने के बाद रोते-रोते शकीला बेसुध हो गई। ठीक यही स्थिति उनके बच्चों की थी।

आखिर कब तक चलेगा यह

सरकार कह रही है गुंडे प्रदेश छोड़ दें नहीं तो जेल में होंगे

एक सप्ताह पहले ही गुंडों की गोली का शिकार निर्दोष महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के बेटे हो चुके हैं

गुरुवार को निर्दोष फैजान को मार दिया गया

आखिर क्यों नहीं है गुंडों में पुलिस का कोई खौफ

कैसे अपराधी खुलेआम दहशत का सामान लेकर घूम रहे हैं

आखिर कब तक ऐसे ही मारे जाते रहेंगे निर्दोष

नामजद दो आरोपियों अमित व सुनील को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही उन्हें भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा। पुलिस एलर्ट है।

-सुनील कुमार सिंह,

एसपी गंगापार

अश्वनी और अमित ने अपने साथियों के साथ सुबह भी विवाद किया था तब अफरोज ने बीच-बचाव करके मामला शांत करा दिया था। शाम को फिर विवाद हुआ और निर्दोष फैजान की जान चली गई।

फैज, रिश्तेदार

मैदान पर खेलने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। जिसमें एक पक्ष ने शाम को फायरिंग कर दी। इसमें फैजान नामक किशोर की मौत हुई है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।

आनंद कुलकर्णी,

एसएसपी