- 13 दिन पहले अचानक हो गईं थीं गायब

- मूंगफली खरीदने निकली थीं तीनों बहनें

- इनके शरीर पर मिले हैं चोट के निशान

मेरठ. जुर्म के इस जंगल में तीन मासूम बहनें घर से तो निकली, लेकिन फिर वापस नहीं लौटी। 13 दिन बाद बुधवार को तीनों की लाशें जंगल में एक कुंए से बरामद हो गई। बुरी तरह सड़ चुकी लाशें। शरीर पर चोटों के निशान। मुंह से बाहर निकली जीभ इस बात की गवाही देने के लिए काफी है कि दरिंदों ने कत्ल से पहले 7 साल की मासूम से लेकर 11 साल तक की बच्ची के साथ क्या-क्या जुल्म नहीं किया।

14 दिसंबर से लापता
किठौर के महलवाला गांव में रहने वाले मामूली से मजदूर शकील की तीन बेटियां 14 दिसंबर की शाम तकरीबन साढ़े चार बजे बुशरा (11) शना (9) और सादिया (7) मंूगफली खरीदने की बात कहकर घर से निकली थी। बाजार से मंूगफली खरीदने के बाद तीनों बच्चियां घर के लिए आने लगी। इसी बीच रास्ते में टाटा ऐस गाड़ी से रजाई खरीद रहे लोगों की भीड़ में तीनों बच्चियां भी शामिल हो गईं। उधर बकौल शकील वह मोबाइल में पैसे डलवाने के लिए बाजार निकला तो बच्चियों को वहां खड़े देख उसने रिश्तेदारी के दो बच्चों से उन्हें घर ले जाने को बोल दिया। बकौल शकील फिर वह मोबाइल शॉप पहुंचा लेकिन रिचार्ज कूपन नहीं होने की वजह से वह घर आ गया। शाम करीब साढ़े छह बजे बच्चियों के घर न पहुंचने की बात सुनते ही वह घबरा गया और वापस उसी जगह पहुंचा जहां पर टाटा गाड़ी से दो लोग रजाई बेच रहे थे। लेकिन शकील को न वहां गाड़ी मिली और न ही बच्चियां। तीन बच्चियों के गायब होने की खबर गांव में फैल गई। शकील ने हर रिश्तेदारी और करीबियों के घर पता किया लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।

पकड़े गए फेरी लगाने वाले
किठौर पुलिस को मामले की जानकारी दी गई, जिसमें फेरी लगाने वालों पर शक जताया गया। पुलिस और परिजन रात भर बच्चियों और गाड़ी वालों को तलाशते रहे, लेकिन रात दो बजे तक भी कोई जानकारी नहीं मिली। 15 दिसंबर को लोगों ने थाने का घेराव किया तो पुलिस ने आसपास के कई गांवों में गाड़ी से रजाई बेचने वालों की तलाश शुरू कर दी। आखिरकार वो गाड़ी दूसरे दिन ललियाना गांव में मिल गई। पुलिस ने ड्राइवर और उसके साथी से इस बारे में काफी पूछताछ की लेकिन दोनों ने बच्चियों के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया। पुलिस ने दोनों गाड़ी वालों का नाम पता लिखकर बच्चियों के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली। इसके बाद से ही तीनों बच्चियों की तलाश जारी रही लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।

या अल्लाह क्या हो गया

आखिरकार बुधवार को शकील के घर वो मनहूस खबर पहुंच गई, जिसे सुनकर हर गांव वाले का कलेजा कांप उठा। ईख के खेत में काम करने गए गांव के एक मजदूर ने खबर दी कि गोविन्दपुरी के जंगल में स्थित ईख के खेत में मौजूद कुंए में तीन लाशें तैर रही हैं। खबर गांव में आग की तरह फैली। लोग खेतों की तरफ दौड़ पड़े। कुंए के बाहर एक बच्ची का शॉल पेड़ की टहनी पर टंगा देख शकील की चीख निकल गई। कुंए में झांककर देखा तो तीनों बच्चियों की लाशें पड़ी हुई थी।

दौड़ पड़े अफसर
ये खबर इलाके में फैली तो सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। जिले भर की पुलिस दौड़ पड़ी। बुरी तरह सड़ी गली तीनों लाशों को किसी तरह कुंए से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया गया। वीभत्स हत्याकांड की इस वारदात की खबर लगते ही एडीजी केएल मीणा, आईजी राजीव कृष्ण और डीआईजी प्रेम प्रकाश मौके पर पहुंच गए।