- 19 मई की रात रिखई बाबा शिवमंदिर के पुजारी पप्पू उर्फ नागेश्वर की कर दी गई थी हत्या

- पुलिस ने किया था शीघ्र ही खुलासा कर लेने का दावा

SAHJANWA: सहजनवां पुलिस दावे करने में जितनी तेज है, उसे निभाने में उतनी ही धीमी साबित हो रही है। हर घटना के बाद पुलिस दावा करती है कि उसका खुलासा शीघ्र कर लेगी लेकिन ऐसा होता नहीं। 19 मई की रात रिखई बाबा शिवमंदिर के पुजारी की हत्या मामले में पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। पुलिस ने एक बार फिर अपना जुमला दुहराते हुए मामले का शीघ्र उद्भेदन करने का दावा किया है।

क्यों हुई पुजारी की हत्या?

दरूआ स्थित रिखई बाबा शिवमंदिर पर पप्पू उर्फ नागेश्वर तिवारी तीन साल से रह रहे थे। 19 मई के रात में गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई। भतीजा लवकुश तिवारी ने बताया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उसने हत्या की तहरीर दी। पुलिस ने शीघ्र मामले के उद्भेदन का दावा किया और सो गई। नतीजतन, 11 दिन बाद भी परिजनों और इलाके के लोग यह नहीं जान पाए कि आखिर पुजारी को क्यों और किसने मार डाला?

लेन-देन का मामला

स्थानीय लोगों की मानें तो पुजारी नशे के आदी थी। इस कारण उन्होंने अपनी संपत्ति बेच डाली थी। लगातार प्रॉपर्टी बेचे जाने के कारण ही उनका पत्‍‌नी विभाग से चार साल पहले लड़ाई हो गई और वह गोरखपुर में किराए के मकान में रहने लगी। बताया जाता है कि प्रॉपर्टी बेचकर पुजारी के पास काफी रुपए आ गए थे। उन रुपयों को अपने साथ उठने-बैठने वालों को ब्याज पर दिया था। यह भी हत्या का कारण हो सकता है। पुलिस ने भी उस समय यह बात मानी थी लेकिन जांच को आगे नहीं बढ़ा सकी। परिजनों का कहना है कि पुलिस कोई सहयोग नहीं कर रही। वहीं क्षेत्र में चर्चा है कि यदि हत्या के मामले में पुलिस इस तरह से धीमी कार्रवाई कर रही है तो बाकी मामलों का क्या होगा?

कुछ व्यस्तता के कारण अभी विशेष कार्रवाई नहीं की जा सकी। जल्द ही मामले के खुलासे की कोशिश की जा रही है।

- मनोज पांडेय, सीओ, कैंपियरगंज