शाज़िया इस विवादास्पद वीडियो में कहती दिखती हैं, "मुसलमान बहुत सेक्युलर है. मुसलमानों को सांप्रदायिक होना होगा. वो कभी अपनों को वोट नहीं देता है."

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में शाज़िया मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ बैठकर बातचीत करती हुई दिखाई दे रही हैं.

हालांकि अभी ये साफ़ नहीं हो सका है कि ये वीडिया कब का और कहां का है.

शाज़िया इल्मी उत्तर प्रदेश की गाज़ियाबाद सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार हैं.

विवादास्पद वीडियो में शाज़िया कहती हैं, "मैं तो कहती हूं कि आप लोग इतने सेक्युलर न होइए. इस बार पहले अपने घर को देखिए. मुसलमान सेक्युलर हैं. औरों को वोट देता रहता है. बाकी पार्टियां तो यह नहीं करती हैं. उनका तो वोट बंधा हुआ है."

उन्होंने कहा, "मैं खुलकर कहती हूं. ये बहुत विवादित बात है, लेकिन बहुत सही बात है."

'आप' ने किनारा किया

इस बातचीत के दौरान एक व्यक्ति ने जब ये कहा कि मुसलमानों के हिस्से में बस दो काम हैं कि डरो और हराओ, इस पर शाज़िया ने कहा, "इस बार काम बदल दो. लड़ो और जीतो."

शाज़िया इल्मी ने भारतीय समाचार चैनल एनडीटीवी को सफ़ाई देते हुए कहा है, "मैं सेक्युलरिज़्म शब्द का मज़ाक बना रही थी, जिसका इस्तेमाल हर समय किया जाता है. मेरे कहने का मतलब सिर्फ़ इतना था कि मुसलमान कभी अपने बारे में नहीं सोचते हैं और एक राजनीतिक दल के दास बन गए हैं."

आम आदमी पार्टी ने इस वीडियो में कही गई बातों से किनारा करते हुए अपने ट्विटर खाते पर लिखा है, "आम आदमी पार्टी इस तरह की राजनीति में विश्वास नहीं रखती है और न ही इसका समर्थन करती है."

बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिक आधार पर कई नेताओं के बयान आए हैं. इनमें भाजपा के गिरिराज सिंह और अमित शाह, समाजवादी पार्टी के आज़म ख़ान और विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया शामिल हैं.

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