अदालत ने ये बात इस मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कही.

अदालत ने कहा है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच कर रही मुदगल समिति में जिन 13 लोगों के ख़िलाफ़ जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच ख़ुद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीससीआई) को करनी चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा है कि जिन पर आरोप लगाया गया है उनकी जांच बीसीसीआई को करनी ज़रूरी है ताकि संगठन अपनी स्वायत्ता बरक़रार रख सके.

अदालत ने कहा है कि वो किसी की छवि ख़राब नहीं करना चाहते हैं लेकिन वो क्रिकेट के खेल की बदनामी को लेकर चिंतित है.

जांच जारी

आईपीएल की टीम चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक और बीसीसीआई प्रमुख श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मेयप्पन उन तमाम अधिकारियों, खिलाड़ियों और सट्टेबाज़ों में शामिल हैं, जिनके ख़िलाफ़ आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप हैं और जांच जारी है.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में आईपीएल 2013 के दौरान स्पॉट फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी.

समिति ने रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है.

हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान एन श्रीनिवासन को पद छोड़ने का आदेश दिया था.

गिरफ्तारियां

उनकी जगह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.

पिछले आईपीएल के दौरान स्पॉट फ़िक्सिंग का मामला उस समय सामने आया था, जब राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों शांतकुमारन श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.

मुंबई पुलिस ने इसके बाद कुछ और लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया.

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