गोदामों के लिए सहकारी समितियों से गठजोड़

नाबार्ड के चेयरमैन प्रकाश बख्शी ने कहा कि प्रस्तावित गोदाम प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों से गठजोड़ के जरिये स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए जरूरी धन पहले ही बजट में उपलब्ध कराया जा चुका है. पंचायत स्तर पर यह भंडारण क्षमता विकसित करने का प्रयास हो रहा है. चालू वित्त वर्ष में 10,000 गोदाम बनाए जाएंगे. इनमें से करीब 300 गोदाम बनाए जा चुके हैं.

गोदामों की संख्या बढ़ाकर 20,000

इस साल के लिए लक्ष्य महत्वाकांक्षी होने के सवाल पर बख्शी ने कहा कि हो सकता है लक्ष्य पूरा न हो सके लेकिन जितने भी गोदाम बनेंगे उससे अगले वित्त वर्ष में इन गोदामों की संख्या बढ़ाकर 20,000 करने में मदद मिलेगी. खाद्य सुरक्षा कानून पारित होने के बाद भंडारण क्षमता में इस बढ़ोतरी को अहम बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में गोदामों की जरूरत है. नई जरूरतें पूरी करने के लिए तत्काल 15 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता की जरूरत है.

किसानों के ज्यादा से ज्यादा करीब होंगे गोदाम

नाबार्ड की योजना के मुताबिक नए गोदाम ऐसी जगहों पर स्थापित किए जाएंगे जो किसानों के ज्यादा से ज्यादा करीब हों, ताकि उन्हें अपने फसलों को भंडारण के लिए ज्यादा दूर न ले जाना पड़े. प्रस्तावित गोदामों का संचालन प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों द्वारा किया जाएगा. इन्हें गोदाम विकास एवं नियामक प्राधिकरण में पंजीकृत कराया जाएगा, ताकि गोदाम कानूनी स्तर पर मान्य रसीद जारी कर सकें. किसान इन रसीदों के आधार पर अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे.

कमोडिटी एक्सचेंज से भी गठजोड़

नाबार्ड ने एक कदम आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश के महबूबनगर जिले में स्थित गोदाम के लिए सहकारी समिति के अलावा कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स से गठजोड़ किया है. इससे किसान अपने उत्पादों को सीधे स्पॉट एक्सचेंज में बेच सकते हैं. इससे किसानों को मंडियों में जाकर उत्पाद बेचने के लिए जद्दोजहद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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