-कमीशन से भरेगी अधिकारियों-कर्मचारियों की जेब, आई नेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा

-नगर निगम के एक अधिकारी ने खोला कमीशन का चिट्ठा

-50 करोड़ से अधिक बकाए का शुरू हो चुका है पेमेंट, हर किसी का कमीशन हुआ फिक्स

-30 परसेंट कमीशन नगर निगम का, 30 परसेंट ठेकेदार का, 10 परसेंट मैटेरियल का

-टोटल राशि का 70 परसेंट बंट जाएगा कमीशन में, 30 परसेंट ही काम पर होगा खर्च

<-कमीशन से भरेगी अधिकारियों-कर्मचारियों की जेब, आई नेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा

-नगर निगम के एक अधिकारी ने खोला कमीशन का चिट्ठा

-भ्0 करोड़ से अधिक बकाए का शुरू हो चुका है पेमेंट, हर किसी का कमीशन हुआ फिक्स

-फ्0 परसेंट कमीशन नगर निगम का, फ्0 परसेंट ठेकेदार का, क्0 परसेंट मैटेरियल का

-टोटल राशि का 70 परसेंट बंट जाएगा कमीशन में, फ्0 परसेंट ही काम पर होगा खर्च

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: क्या आप जानते हैं कि आपके शहर में चारों तरफ गंदगी क्यों है? सड़कें बनने के बाद ही क्यों उखड़ जाती हैं? नालियां चंद दिनों में क्यों बैठ जाती हैं? थोड़ी सी बरसात में आपके इलाके का नाला क्यों चोक हो जाता है? चौराहे पर जलते-जलते सोडियम लाइटें चंद दिनों में ही क्यों फ्यूज हो जाती हैं? हकीकत इतनी चौंकाने वाली है कि आपने सोचा भी नहीं होगा। ये हकीकत सामने आई नेक्स्ट के स्टिंग में। पब्लिक वर्क के लिए उपलब्ध कराई गई राशि के बंदरबांट का पूरा खेल जानिए नगर निगम के एक अधिकारी की जुबानी।

ये है हकीकत

नगर निगम के अधिकारी से आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने यूं ही नगर निगम के कार्यो के बारे में बात करना शुरू किया। तो साहब ने बातों ही बातों में वो हकीकत बयां कर दी, जिसे सुनकर हम भी हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि फलां साहब को देख रहे हैं, जल्द ही वो करोड़पति बनने वाले हैं, तो हमने पूछा कैसे। साहब, अमिताभ बच्चन के केबीसी में खेलने जा रहे हैं क्या? तो उन्होंने कहा, अरे यहां बिना केबीसी के कई लोग करोड़पति बन जाएंगे। हमने पूछा वो कैसे तो, अधिकारी ने कहा, सब कमीशन गेम।

फ्0 परसेंट कमीशन गेम

अधिकारी ने कहा, यहां कमीशन का बहुत लंबा गेम होता है। जिसकी जानकारी लोगों को होती ही नहीं है। सब कुछ अंदर-अंदर सेट हो जाता है। इस बार भी वही सेटिंग हुआ है। अरे भाई, बड़े साहब के बारे में तो पूछो ही मत। वो क्या आए बैटिंग शुरू हो गई है। चार महीने से जहां अभी तक सारा काम ठप था, पेमेंट लटका हुआ था। वहीं धड़ाधड़ पेमेंट शुरू हो गया है। जिस तरह ख्0-ख्0 का मैच होता है, कुछ इसी तरह। क्योंकि पेमेंट से पहले कमीशन का रेट तय हो चुका है।

साहब ने चार बोला, तीन पर तय हो गया

पेमेंट तो साहब के सिग्नेचर से ही होना था। इसलिए साहब ने अपना पत्ता सेट करने के लिए पहले चार परसेंट का मुंह खोला। लेकिन चार परसेंट का विरोध हुआ। बात हुई, मीटिंग चली, इसके बाद साहब तीन पर राजी हो गए हैं। साहब के राजी होते ही, सब ने अपने-अपने रेट खोल दिए हैं।

70 परसेंट कमीशन में फ्0 परसेंट का ही काम

कमीशन के खेल के बारे में सुना होगा, मैं जो बता रहा हूं वो सुनो। नगर निगम का जो काम होता है, उसका 70 परसेंट नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेकेदारों और माल सप्लाई करने वालों की जेब में जाता है। केवल फ्0 परसेंट ही काम पर खर्च होता है।

बाबू से लेकर एई तक लेते हैं कमीशन

कमीशन यहां कोई एक आदमी नहीं लेता, बल्कि सबको उसका हिस्सा मिलता है। बाबू से लेकर, एकाउंटेंट, जेई, एई से लेकर चीफ इंजीनियर तक। सबका कमीशन सेट है।

तीन-पांच से कम नहीं

इस बार कमीशन का जो रेट तय हुआ है। उसमें एकाउंट सेक्शन का रेट सबसे ज्यादा है। यहां तीन-पांच से नीचे तो बात ही नहीं हो रही है। बाबू का तीन परसेंट, एकाउंट अफसर का पांच परसेंट, एकाउंटेंट का तीन परसेंट, चीफ एकाउंटेंट का तीन परसेंट, तो सेक्रेटरी का भी एक परसेंट कमीशन निर्धारित है। कमीशन का ये खेल लगभग हर डिपार्टमेंट में हर मद में होता है। नतीजा ग्राउंड रियलिटी के रूप में पब्लिक को झेलना पड़ता है।

महीनों से लटका था भ्0 करोड़ का पेमेंट

नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग, जलकल, निर्माण के साथ ही सभी विभागों की ओर से फाइनेंशियल ईयर ख्0क्फ्-क्ब् में करोड़ों रुपए का काम कराया गया। महीने बीतते गए लेकिन पेमेंट नहीं हुआ। इसी बीच आचार संहिता लगा और लोकसभा चुनाव के कारण भुगतान रोक दिया गया। चुनाव के बाद भी पेमेंट नहीं हुआ, जिससे नगर निगम पर ठेकेदारों का करीब भ्0 करोड़ रुपया बकाया हो गया। जिसको लेकर ठेकेदारों ने करीब डेढ़ महीने पहले आवाज उठाई। हंगामा किया। धरना प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि अगर भुगतान नहीं होगा तो काम नहीं होगा। आंदोलन चलता रहा। फिर वार्ता के बाद जब नगर आयुक्त ठेकेदारों को पेमेंट देने पर राजी हुए तो ठेकेदार काम पर लौट आए। अब नगर निगम में ठेकेदारों के बकाए का भुगतान करने का काम शुरू हो गया है। इसमें किसे क्या मिलना है सब तय है।

किसका- कितना फिक्स है कमीशन

नगर आयुक्त- तीन परसेंट

इंजीनियरिंग विभाग

पीडब्ल्यूसी-ख् परसेंट

जेई- भ् परसेंट

एई- फ् परसेंट

चीफ इंजीनियर-ख् परसेंट

एकाउंट सेक्शन में तीन-पांच के नीचे नहीं होती बात-

बाबू- फ् परसेंट

एकाउंट अफसर- भ् परसेंट

एकाउंटेंट- फ् परसेंट

चीफ एकाउंटेंट- फ् परसेंट

सेक्रेटरी- एक परसेंट

इलाहाबाद के नगर आयुक्त तो अभी ही गए हैं। अगर ऐसा है तो गंभीर मसला है। स्टिंग ऑपरेशन देखने के बाद ही कोई रिएक्शन दे सकूंगा।

-एस.पी। सिंह

सचिव, नगर विकास, लखनऊ