नगर निगम ने शहर की सभी डेयरियों का लाइसेंस किया कैंसिल

नए जारी नहीं होंगे, सभी को जाना होगा शहर के बाहर कैटिल कॉलोनी में

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, लेकिन यहां के लोग अब भी ब्रांडेड कंपनियों के पैकेट वाले दूध पर कम गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले चल रही डेयरियों पर अधिक विश्वास करते हैं। सुबह-शाम बाल्टी लेकर डेयरी पर चले जाते हैं और अपने सामने दूध निकलवा कर घर लाते हैं। ऐसे लोगों की संख्या शहर में लाखों में है। अब उन्हें अपनी आदत बदलनी होगी या फिर सामने दूध लेने के लिए लंबा चक्कर लगाना होगा। इससे बचने के लिए पैकेट वाले दूध पर विश्वास करना होगा। यह इसलिए होगा क्योंकि नगर निगम ने गली-गली चलने वाली सभी डेयरी का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। अब नए लाइसेंस नहीं बनेंगे और सभी को शहर से बाहर कैटिल कॉलोनी में जाना होगा।

पशुपालन की परमीशन नहीं

पुराने शहर का चौक एरिया हो, मालवीय नगर, लोकनाथ, मोहत्सिमगंज, मीरापुर, कल्याणी देवी या मुट्ठीगज, सिविल लाइंस का सर्कुलर रोड हो या फिर राजापुर, राजरूपपुर, कालिंदीपुरम या कटरा बाजार, बैंक रोड, यूनिवर्सिटी रोड। शहर का कोई भी ऐसा एरिया नहीं है जहां रोड पर पशु बांध कर डेयरी न चलाई जा रही हो। इससे शहर में गंदगी फैलने के साथ ही अव्यवस्था भी होती है। इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी में लगे नगर निगम ने पशुओं को शहर से बाहर करने का मन बना लिया है।

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अरैल-फाफामऊ में है कैटिल कॉलोनी

इलाहाबाद शहर से दुधारू पशुओं को बाहर करने का प्रस्ताव पुराना है। इसके लिए 2008-09 में ही फाफामऊ और अरैल में कैटिल कॉलोनी की व्यवस्था की गई। दोनों जगह 100-200 गज एरिया के 100-100 प्लॉट काटे गए। लेकिन, 2008 से अब तक किसी भी पशुपालक ने कैटिल कॉलोनी के लिए आवेदन नहीं किया।

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सर्किल रेट से आधे पर प्लॉट

पशुपालकों के लिए नगर निगम द्वारा जो व्यवस्था की गई है, उसके तहत कोई भी पशु पालक कैटिल कॉलोनी में प्लॉट ले सकता है। इसका रेट भी काफी कम रखा गया है। निर्धारित सर्किल रेट से आधी रकम पर कैटिल कॉलोनी में 100 से 200 गज का प्लाट मिल जाएगा। इसके लिए पशु पालक को नगर निगम में फार्म भर कर जमा करना पड़ेगा। कैटिल कॉलोनी में जाने के बाद पशु पालक आराम से गाय-भैंस को बांध कर अपनी डेयरी चला सकते हैं। दूध बेचने का व्यापार कर सकते हैं। कैटिल कॉलोनी में प्लॉट तो पशु पालक का होगा, लेकिन बिजली-पानी के साथ सुरक्षा की व्यवस्था नगर निगम मुहैया कराएगा।

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1100 लाइसेंस कैंसिल

वित्तीय वर्ष 2016-17 तक नगर निगम में पशु पालकों ने करीब 1100 दुधारू पशुओं का रिकार्ड उपलब्ध कराया था। इनके नाम पर नगर निगम द्वारा पशुपालकों को लाइसेंस जारी किया गया था। पशुओं को शहर से बाहर करने के लिए नगर निगम ने लाइसेंसी दुधारू पशुओं का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। अब नया लाइसेंस बनाना भी बंद कर दिया है।

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अपने घर में रखें मवेशी

नगर निगम के पशुधन अधिकारी डा। धीरज गोयल ने बताया कि ऐसा नहीं है कि शहर में गाय-भैंस पालने पर रोक है। जो लोग अपने घर के अंदर गाय-भैंस पाल रहे हैं। उन्हें लाइसेंस या फिर परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि कोई रोड पर या गली में पशु पालन करता है, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।

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सड़क पर घूमते मिले तो जब्त होंगे पशु

पूरे शहर में वार्ड वाईज सूची तैयार की जा रही है। जहां-जहां लोग जानवरों को रोड पर, गली में बांधते हैं। उनकी सूची तैयार की जा रही है। इंस्पेक्टरों की टीम लगा दी गई है। जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। पशुओं को जब्त करने के साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा।

किसी भी स्मार्ट सिटी में गाय-भैंस को पालना, रोड पर बांधना सख्त मना है। इसीलिए इलाहाबाद में मवेशियों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। शहर के अंदर रोड पर या फिर गलियों में पशुओं को पाल कर बिजनेस करना अवैध है। कोई पशुपालन करना चाहता है तो उसे शहर से बाहर कैटिल कालोनी जाना पड़ेगा। पशुपालकों के खिलाफ जल्द ही अभियान शुरू होगा। पशुओं को जब्त कर जुर्माना वसूला जाएगा।

डॉ। धीरज गोयल

पशुधन अधिकारी, नगर निगम, इलाहाबाद